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    Rashtriya Kishor Swasthya Karyakram:किशोरियों को मिली स्वास्थ्य और सुरक्षा की सीख, काउंसलर ने बताया कैसे रहें जिज्ञासु और तनावमुक्त

    By Mohan Kumar Gope Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 09:20 PM (IST)

    Rashtriya Kishor Swasthya Karyakram: धनबाद के एचई स्कूल में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। काउंसलर ने ...और पढ़ें

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    हीरापुर स्थित एचई स्कूल में जागरूकता अभियान के दौरान छात्राओ‍ं के साथ काउंसलर रानी प्रसाद।

    जागरण संवाददाता, धनबाद। किशोरावस्था को जीवन का अत्यंत संवेदनशील चरण माना जाता है, जिसमें उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक और हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। इस दौरान मन में अनेक प्रश्न और चिंताएं उभरती हैं।

    ऐसे में आवश्यक है कि किशोर–किशोरियां किसी भी विषय को लेकर अवसाद में न रहें, बल्कि जिज्ञासु बनें और अपनी बात अभिभावकों से साझा करें। यह बातें शुक्रवार को हीरापुर स्थित एचई स्कूल में सदर अस्पताल के युवा मैत्री केंद्र की काउंसलर रानी प्रसाद ने कही।

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    राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आयोजित इस जागरूकता सत्र में छात्राओं को पोषण, एनीमिया, व्यक्तिगत स्वच्छता और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी दी गई।

    काउंसलर ने बताया कि लगभग 50 प्रतिशत किशोरियाँ पोषण की कमी के कारण एनीमिया से प्रभावित होती हैं, इसलिए नियमित रूप से पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। तनाव प्रबंधन और आत्म-देखभाल पर भी छात्राओं को विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया। कार्यक्रम में प्राचार्य राजेश कुमार सहित अन्य शिक्षक उपस्थित थे।

    किशोरावस्था अत्यंत संवेदनशील
    रानी प्रसाद ने कहा कि इस उम्र में परिपक्वता पूर्ण रूप से विकसित नहीं होती, जिसके कारण व्यवहारिक ज्ञान की कमी रहती है और बच्चे दुविधा की स्थिति में रहते हैं। इसलिए अभिभावकों और शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे समय-समय पर उचित मार्गदर्शन और काउंसलिंग प्रदान करें।

    अभिभावक सबसे अच्छे दोस्त
    कार्यक्रम में छात्रों को सोशल साइट के सुरक्षित उपयोग की भी सलाह दी गई। उन्हें बताया गया कि अनजान लोगों से संपर्क न करें, गलत सामग्री से दूर रहें और सोशल मीडिया का उपयोग सीमित रखें।

    किसी भी गतिविधि को अभिभावकों से न छुपाने और दैनिक अनुभव साझा करने की सलाह दी गई, क्योंकि अभिभावक ही बच्चों के सबसे अच्छे और सच्चे मार्गदर्शक होते हैं।