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    दुर्गापुर में गरजा डीवीसी का बुलडोजर, 'मदरसा' को लेकर हुआ विवाद; प्रशासन को करना पड़ा ये काम

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 05:38 PM (IST)

    दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) दुर्गापुर में 800 मेगावाट की नई यूनिट लगा रहा है, जिसके लिए अवैध निर्माण तोड़े जा रहे हैं। सोमवार को डीवीसी का बुलडोजर डीटीपीएस कॉलोनी स्थित एक मदरसे को तोड़ने पहुंचा, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर इसका विरोध किया और वैकल्पिक जमीन की मांग की।   

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    डीटीएस कॉलोनी के क्वार्टरों को छोड़कर सभी अवैध निर्माण तोड़े जा रहे हैं। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, दुर्गापुर। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के दुर्गापुर थर्मल पावर स्टेशन (डीटीपीएस) में 800 मेगावाट की नई यूनिट लगाई जानी है। इस पर करीब नौ हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं। नई यूनिट के लिए डीटीएस कॉलोनी के क्वार्टरों को छोड़कर सभी अवैध निर्माण तोड़े जा रहे हैं।

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    कॉलोनी के लोग भी इसके विकास के लिए डीवीसी की हरसंभव मदद कर रहे हैं। यही वजह है कि लोगों के घर, दुकान समेत हर अवैध निर्माण को तोड़ा गया है। सोमवार को डीवीसी का बुलडोजर डीटीपीएस कॉलोनी स्थित 'मदरसा' को तोड़ने पहुंचा, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर विरोध किया।

    उन्होंने मदरसा तोड़ने से पहले जमीन की मांग की। अंत में डीवीसी के बुलडोजर को वापस लौटना पड़ा। हालांकि, यहां डीटीपीएस का सीसीटीवी रूम तोड़ दिया गया। पहले डीटीपीएस में चार यूनिट थीं, लेकिन धीरे-धीरे सभी यूनिट बंद हो गईं। जिसके बाद डीवीसी ने यहां पांचवीं यूनिट के लिए हरी झंडी दी, अब यहां 800 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल यूनिट स्थापित की जाएगी। जिसके लिए डीवीसी के प्लांट के साथ ही डीटीपीएस कॉलोनी की जरूरत होगी। जिसका काम एक साल पहले शुरू हुआ था।

    लंबे समय तक कॉलोनी वासी अवरोध उत्पन्न करते रहे। लेकिन कुछ माह से हर उस अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलने लगा है, जिसमें कोई बड़ी बाधा नहीं थी। वहीं डीटीपीएस के क्वार्टरों को भी तोड़ा जा रहा है। यहां स्थित "मदरसा गरीब नवाज" को तोड़ने की डीवीसी द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई।

    मदरसा तोड़ने से पहले कमेटी के सदस्यों ने वैकल्पिक जमीन देने की मांग की थी। लेकिन डीवीसी की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। सोमवार को डीवीसी प्रबंधन बुलडोजर लेकर यहां पहुंच गया। बुलडोजर को देख मुस्लिम समुदाय के लोग एकजुट हो गए और विरोध करने लगे। जिसके बाद डीवीसी को खाली हाथ लौटना पड़ा। इस मदरसे की स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी। जहां आज भी 40-50 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। वहीं हर शुक्रवार को 500 लोग नमाज अदा करते हैं।

    आंदोलन में शामिल इमरान खान ने कहा कि यहां बच्चों को शिक्षा दी जाती है। अगर कोई मर जाता है तो जनाजा की नमाज यहीं पढ़ी जाती है। यहां 40 कुरान भी हैं। ये सब कहां जाएंगे? हम डीवीसी के विकास के साथ हैं, लेकिन उन्हें हमें जमीन देनी चाहिए। इस इलाके में कोई मदरसा नहीं है, यह शिक्षा का केंद्र है।

    अब्दुल माणिक ने कहा कि डीवीसी चेयरमैन को भी पत्र दिया गया ताकि कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके। हम प्लांट के साथ हैं, प्लांट की वजह से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। हमारा घर तोड़ा गया लेकिन हमने उसे टूटने दिया, हमने कोई बाधा नहीं डाली। घर में कुरान शरीफ नहीं रखी जा सकती। यहां 40 कुरान शरीफ हैं। प्रबंधन को बता दिया गया है। हम भविष्य में जोरदार आंदोलन करेंगे, किसी भी हालत में उन्हें टूटने नहीं देंगे।