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    विधायक संजीव सिंह 27 को करेंगे झरिया से नामांकन, पत्नी रागिनी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव Dhanbad News

    By Sagar SinghEdited By:
    Updated: Wed, 20 Nov 2019 01:01 PM (IST)

    विधायक ने आवेदन में कहा है कि निर्वाचन नियमावली में बदलाव होने के कारण कुछ कागजात इकट्ठा नहीं हो पाए। इसी कारण 25 की जगह 27 नवंबर को नामांकन करने की अनुमति दी जाए।

    विधायक संजीव सिंह 27 को करेंगे झरिया से नामांकन, पत्नी रागिनी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव Dhanbad News

    धनबाद, जेएनएन। झरिया विधायक संजीव सिंह अब 27 नवंबर को नामांकन दाखिल करेंगे। मंगलवार को विधायक संजीव के अधिवक्ता मो. जावेद ने अदालत में आवेदन दायर कर कोर्ट से 27 नवंबर को नामांकन दायर करने की अनुमति मांगी।

    कोर्ट को दिए आवेदन में विधायक ने कहा है कि निर्वाचन नियमावली में बदलाव होने के कारण कुछ कागजात इकट्ठा नहीं हो पाए। इसी कारण 25 की जगह 27 नवंबर को नामांकन करने की अनुमति दी जाए। अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख निर्धारित कर दी है।

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    25 नवंबर की मिली थी अनुमति : विधायक संजीव ने 8 नवंबर को आवेदन देकर 25 नवंबर को नामांकन करने की अनुमति मांगी थी। 13 नवंबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दूबे की अदालत ने विधायक संजीव को इस शर्त पर नामांकन करने की अनुमति दी थी कि संजीव उनके समर्थक अथवा रिश्तेदार विधि व्यवस्था में बाधा उत्पन्न नही करेंगें।

    पत्नी रागिनी सिंह भाजपा के टिकट पर लड़ रही चुनाव : गौरतलब है कि विधायक संजीव सिंह के पिता स्व. सर्यदेव सिंह और माता कुंती सिंह भी झरिया से विधायक रह चुके हैं। चचेरे भाई नीरज सिंह हत्याकांड में संजीव जेल में बंद हैं। इस कारण भाजपा ने उनकी की पत्नी रागिनी सिंह को झरिया से टिकट दिया है। वहीं संजीव सिंह भी नामांकन की तैयारी में हैं।

    कारा आइजी के आदेश पर टीम ने की थी विधायक के सेल की जांच

    इधर, कारा महानिरीक्षक के आदेश पर रांची से विशेष टीम आई थी, जिन्होंने कारा नियमों के अनुरूप ही विधायक संजीव के सेल में जांच-किया था। इस दौरान किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई थी। उक्त बातें धनबाद जेल प्रशासन ने अदालत को सौंपे रिपोर्ट में कही है।

    जेल में किसी बाहरी लोगों का प्रवेश नहीं हुआ : सूत्रों के मुताबिक कारा महानिरीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर रांची से आई सात सदस्यीय विशेष टीम ने कारवाई की थी। कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल में किसी बाहरी लोगों का प्रवेश नहीं हुआ था। रिपोर्ट के साथ उपायुक्त को दी गई सूचना के पत्र की कॉपी भी कोर्ट को दी गई है।

    विधायक ने जताया था जान को खतरा : 16 नवंबर को विधायक संजीव सिंह ने आवेदन दायर कर जेल एआइजी व अन्य पर गंभीर आरोप लगाए थे। विधायक ने आरोप लगाया था कि 8 नवंबर को चुनाव लडने की घोषणा के बाद रात 11-12 बजे कुछ पुलिसवाले जेल के कानून का उल्लंघन करते हुए उनके सेल में घुस गए।

     

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