आंधी-पानी में ध्वस्त, 48 घंटे में चमत्कार! भूली में 60 फीट दुर्गा पूजा पंडाल की अनोखी कहानी
भूली के बी ब्लॉक में आंधी में ध्वस्त हुए पंडाल के बाद 48 घंटे में 60 फीट ऊंचा दुर्गा पूजा पंडाल दोबारा बना दिया गया जिसकी भव्यता सबको चकित कर रही है। ए ब्लॉक में 75 साल पुरानी परंपरा 9.5 लाख के तांत्रिक थीम पंडाल के साथ चमकी जो रहस्यमयी सजावट से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। वर्षों से यूं ही नहीं भूली के पूजा पंडाल खास होते हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद। भूली के बी ब्लॉक में मां दुर्गा का आशीर्वाद और समिति के जुनून ने एक ऐसा चमत्कार रच दिया, जिसे देखकर हर कोई हैरान है।
महज 48 घंटों में 60 फीट ऊंचा भव्य पूजा पंडाल खड़ा हो गया, जो तीन दिन पहले आए आंधी-पानी की भेंट चढ़ गया था। इस नए पंडाल की भव्यता और रचना को देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा रहे हैं। डिजाइन, थीम सब बदल गया।
पूजा पंडाल की चर्चा हर जुबां पर है। कहानी तब शुरू हुई, जब आंधी-पानी ने बी ब्लॉक के पूजा पंडाल को तहस-नहस कर दिया। लेकिन हार मानना भूली की दुर्गा पूजा समिति को मंजूर नहीं था। समिति ने युद्ध स्तर पर काम शुरू किया।
एक साथ 400 कारीगर लगाए गए
कोलकाता से 400 मजदूरों और कुशल कारीगरों की फौज बुलाई गई। दिन-रात, तीन शिफ्टों में अथक मेहनत के साथ, पंडाल को नया जीवन मिला। पहले 55 फीट ऊंचा पंडाल बनाने की योजना थी, लेकिन कारीगरों का जोश और मां की कृपा ऐसी कि पंडाल 60 फीट ऊंचा बनकर तैयार हो गया।
मंगलवार को महाअष्टमी के दिन पंडाल भक्तों से खचाखच भर गया। हर कोई इस भव्य संरचना को निहार रहा था। पंडाल की बारीक नक्काशी, चमकती रोशनी और भक्ति का माहौल हर किसी को मंत्रमुग्ध कर रहा था।
पहले तिरुपति का बालाजी मंदिर बनना था। (जागरण)
बी ब्लॉक दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष अजीत चौधरी ने गर्व से कहा कि मां की कृपा, समिति के सदस्यों का उत्साह और कारीगरों की मेहनत ने असंभव को संभव कर दिखाया। यह पंडाल भक्ति और सामूहिक प्रयास का प्रतीक है। पहले जो पंडाल बनना था, माता की कृपा से और अच्छा बन गया।
स्थानीय लोग इसे चमत्कार' बता रहे हैं। एक भक्त ने कहा, दो दिन में इतना भव्य पंडाल? मां दुर्गा का आशीर्वाद ही है।
भूली का यह पंडाल अब न सिर्फ धनबाद, बल्कि आसपास के इलाकों में भी चर्चा का केंद्र बन गया है। तो देर किस बात की? आइए, भूली के बी ब्लॉक में इस भव्य पंडाल के दर्शन करें और मां दुर्गा का आशीर्वाद लें!
भूली के ए ब्लॉक में तांत्रिक क्रिया लाइव
भूली के ए ब्लॉक में 75 साल पुरानी दुर्गा पूजा परंपरा इस बार तांत्रिक थीम के साथ नया रंग बिखेर रही है। 1950 में लोयाबाद के श्रमिकों द्वारा शुरू की गई यह पूजा अब भव्य स्वरूप ले चुकी है। इस बार का आकर्षण है 9.5 लाख रुपये की लागत से बना कोनिया आकृति वाला पंडाल, जो तंत्र-मंत्र और नवग्रहों की थीम पर आधारित है।
बंगाल के नादिया जिले के कलाकार नारू ने काले कपड़े, पुतली, सूप और डलिया से पंडाल को जीवंत तांत्रिक रूप दिया है। पूजा समिति के संरक्षक संकट मोचन पांडेय ने बताया कि अनिरुद्ध पांडेय, चिन्मय मुखर्जी जैसे समर्पित लोगों ने इसकी नींव रखी थी।
अध्यक्ष अजीत कुमार सिन्हा ने कहा, "यह पंडाल भक्ति और कला का संगम है।" बच्चों के लिए गुड्डे-गुड़िया की सजावट विशेष आकर्षण है। यह पंडाल कोयलांचल की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बनकर हर आयु वर्ग के भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रहा है।
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