कोयला मंत्रालय ने तय किया लक्ष्य: बीसीसीएल को 41, तो कोल इंडिया को 780 मिलियन टन कोयला उत्पादन का दिया टार्गेट
कोयला मंत्रालय ने बीसीसीएल और कोल इंडिया के लिए साल 2023-24 में कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय कर दिया है। इसे लेकर तैयारियां जोरो पर चल रही हैं। कोयले का उत्पादन बढ़ेगा तो प्रदेश के साथ-साथ देश की भी तरक्की होगी।

जागरण संवाददाता, धनबाद। बीसीसीएल के लिए वर्ष 2023-24 में 41 मिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है, वहीं कोल इंडिया 780 मिलियन टन कोयला उत्पादन करेगी। कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोयला कंपनियों के लिए लक्ष्य तय कर दिया है। इसी के आधार पर कोयला मंत्रालय के साथ एमओयू किया जाएगा।
कोयला उत्पादन को बढ़ाने का काम जोरों पर
चेयरमैन ने बताया कि कोयले की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। इसी को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत है। बैठक को लेकर कोल इंडिया के तकनीकी निदेशक बी वीरा रेड्डी ने दैनिक जागरण को बताया कि कोल इंडिया मौजूदा समय में पिछले साल से 71 मिलियन टन अधिक कोयला उत्पादन करते हुए सौ फीसदी लक्ष्य से आगे चल रहा है। 2023-24 में कोल इंडिया 780 मिलियन टन कोयला उत्पादन करेगी। उन्होंने कहा कि सीएमपीडीआइएल को कोयला बोर हाॅल करने के लिए सभी कोयला कंपनियों को मिलाकर पांच से लेकर आठ लाख मीटर करने का टार्गेट दिया गया है। साथ ही वर्क प्लान को लेकर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया है।
कोयला डिस्पैच बढ़ाने के लिए रेलवे से रैक बढ़ाने की मांग
मालूम हो कि कोयला डिस्पैच को लेकर भी प्लान रिपोर्ट तैयार किया गया है। बीसीसीएल को कोयला डिस्पैच बढ़ाने को लेकर रैक की मांग रेल से किया गया है ताकि रैक से कोयला डिस्पैच की गति बढ़ाई जाए। बीसीसीएल औसतन 24 से 26 रैक कोयला डिस्पैच कर रहा है, जो 28 रैक तक करना है। एक लाख से अधिक कोयला पावर सेक्टर को डिस्पैच करना होगा।
बीसीसीएल धनबाद का दिल
बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता ने कहा कि बीसीसीएल धनबाद का हार्ट है। इसकी तरक्की होगी, तो प्रदेश ही नहीं देश में इसका असर दिखेगा। 2025-26 में बीसीसीएल 50 मिलियन टन कोकिंग कोल उत्पादन लक्ष्य के साथ काम कर रही है। जब कोयला उत्पादन बढ़ेगा तो इसका असर दिखेगा। उन्होंने कहा कि कोयला आयात में कमी लाने की दिशा में काम किया जा रहा है। 52 मिलियन टन तक कोकिंग कोल आयात हो रहा है। उसमें कमी लाना है ताकि आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। बीसीसीएल कई समस्याओं से घिरा है। इसके बाद भी लगातार यह प्रयास है कि कैसे अपने लक्ष्य को पूरा करें।
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