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    World Brain day: कामकाजी महिलाओं को माइग्रेन का खतरा दोगुना, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

    By Mohan Kumar Gope Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 22 Jul 2025 12:53 PM (IST)

    धनबाद में कामकाजी महिलाओं में माइग्रेन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। एक अध्ययन के अनुसार लगभग 35% महिलाएं इससे पीड़ित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हार्मोनल बदलाव और तनाव इसके मुख्य कारण हैं। कामकाजी महिलाओं पर घर और ऑफिस दोनों का दबाव होता है जिससे तनाव बढ़ता है। थायरॉइड बीपी या शुगर के मरीजों को माइग्रेन का खतरा अधिक होता है।

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    कई कामकाजी महिलाएं तेजी से माइग्रेन की शिकार हो रही हैं। फाइल फोटो

    मोहन गोप, धनबाद। कुसुम विहार निवासी बैंक कर्मचारी दिव्या कुमारी को महीने में अक्सर 15 दिन सिरदर्द रहता था। चिकित्सकीय परामर्श के बाद पता चला कि दिव्या माइग्रेन से पीड़ित हैं। इसके कारण, हर एक-दो दिन में शाम को पाँच मिनट से लेकर दो घंटे तक सिरदर्द बना रहता है। फिलहाल, एसएनएमएमसीएच के न्यूरोसर्जरी विभाग से दवा दी जा रही है।

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    दरअसल, दिव्या जैसी कई कामकाजी महिलाएं तेजी से माइग्रेन की शिकार हो रही हैं। विभाग के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि अस्पताल आने वाले ऐसे लगभग 500 मरीजों पर क्लीनिकल परीक्षण किए गए हैं।

    इसमें पाया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं माइग्रेन से अधिक पीड़ित हैं। धनबाद में लगभग 35 प्रतिशत महिलाएं माइग्रेन से पीड़ित हैं। यह बीमारी एक बड़ी आबादी को प्रभावित कर रही है। महिलाओं में यह खासकर हार्मोनल बदलाव, तनाव, आनुवंशिकी आदि के कारण होता है। लेकिन अभी तनाव सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है।

    कामकाजी महिलाएं ज्यादा परेशान, तनाव का स्तर भी ज्यादा

    डॉ. सिंह ने बताया कि देखने में आ रहा है कि कामकाजी महिलाएं बीमारियों से ज्यादा ग्रस्त हो रही हैं, एक तरफ उन्हें घर का काम और दूसरी तरफ ऑफिस का काम भी करना पड़ता है। इससे तनाव का स्तर बढ़ जाता है। धनबाद में कामकाजी महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसी तनाव के कारण माइग्रेन जैसी तंत्रिका संबंधी बीमारियां होने लगी हैं।

    थायरॉइड, बीपी या शुगर है तो सावधान रहें

    अगर किसी पुरुष या महिला को थायरॉइड, शुगर या बीपी है तो उन्हें सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोगों को माइग्रेन होने की संभावना भी दोगुनी हो जाती है। शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर इसका असर तंत्रिका तंत्र पर भी पड़ता है। अस्पताल आने वाले ऐसे मरीजों को माइग्रेन के बारे में जानकारी दी जा रही है।

    सामान्य सिरदर्द और माइग्रेन में अंतर जानें

    डॉ. सिंह ने बताया कि आमतौर पर अगर तबीयत खराब होने, ज्यादा काम करने या कहीं बाहर जाने की वजह से सिरदर्द होने लगे तो यह सामान्य सिरदर्द है। इसे दवा लेकर ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर सिरदर्द सिर के सिर्फ एक हिस्से में हो तो दर्द के साथ मूड भी बहुत खराब हो रहा है। कई बार उल्टी भी हो जाती है। इसके साथ ही किसी की बात सुनने का भी मन नहीं करता। यह दर्द दवा से भी ठीक नहीं हो रहा है, तो इसे माइग्रेन कहते हैं।

    माइग्रेन के लक्षण

    • अक्सर एकतरफ़ा सिरदर्द
    • उल्टी या जी मिचलाना
    • चक्कर आना
    • दृष्टि में बदलाव
    • तेज़ आवाज़ या रोशनी से परेशानी

    क्या करें

    • समय पर खाना खाएं
    • पर्याप्त नींद लें
    • मोबाइल से दूर रहें, खासकर रात में
    • तनाव कम करने के लिए योग और प्राणायाम करें
    • नकारात्मक लोगों से दूर रहें

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