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    MBBS में एडमिशन के लिए छात्र बन रहे ‘मुन्नाभाई’, एसएनएमएएमसीएच में फिर सामने आया संदिग्ध प्रमाण पत्र

    By Mohan Kumar Gope Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 08:37 AM (IST)

    MBBS Admission: एसएनएमएएमसीएच में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए छात्रों द्वारा जाली प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का मामला सामने आया है। कॉलेज प्रशासन ने प्र ...और पढ़ें

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    एसएनएमएमसीएच में पकड़ में आया संदिग्ध प्रमाण पत्र। (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, धनबाद। MBBS Admission:शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SNMMCH Dhanbad) में एक और मेडिकल छात्र का जाति प्रमाण पत्र संदेह के दायरे में आ गया है। ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत गिरिडीह सदर निवासी शुभम कुमार मिश्रा नामांकन के लिए कॉलेज पहुंचा था।

    शुभम के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश के हैं, जबकि उसका ईडब्ल्यूएस जाति प्रमाण पत्र गिरिडीह सदर का जारी किया गया है। इसी आधार पर कॉलेज प्रबंधन ने उसके प्रमाण पत्र पर संदेह जताया है। कॉलेज की ओर से गिरिडीह सदर अंचलाधिकारी से जाति प्रमाण पत्र से संबंधित जानकारी मांगी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।  

    नामांकन सेल के प्रमुख डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि छात्र के शैक्षणिक दस्तावेज और उसकी बोली–भाषा, दोनों ही उत्तर प्रदेश से मेल खाते हैं। ऐसे में गिरिडीह से जाति प्रमाण पत्र जारी होना संदेह के घेरे में है। हालांकि, जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

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    दिव्यांग कोटा की सीट ईडब्ल्यूएस में परिवर्तित

    मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग कोटा की एक सीट खाली है। यह सीट दिव्यांग श्रेणी के ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थी। लेकिन इस श्रेणी में कोई आवेदक नहीं मिलने पर सीट को सामान्य ईडब्ल्यूएस कोटा में परिवर्तित कर दिया गया है। इसी सीट पर नामांकन के लिए शुभम कुमार मिश्रा आया था।

    पहले भी एक फर्जी नामांकन हो चुका है रद्द

    इससे पूर्व मेडिकल कॉलेज में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सुचारिता दत्ता नामक छात्रा का नामांकन रद्द किया जा चुका है। सुचारिता ने गोड्डा जिले से अनुसूचित जनजाति के नाम पर जाति प्रमाण पत्र बनवाया था, जबकि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी से आती है।

    जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर उसका नामांकन रद्द कर दिया गया और सरायढेला थाना में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। तब से छात्रा का मोबाइल स्विच ऑफ है और स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुटी है।