मौनी अमावस्या 2022 कब है ? इस दिन करें ये उपाय हर समस्या होंगे दूर
Mauni Amavasya 2022 हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी 2022 मंगलवार को है। इस दिन लोग अपने विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ती के लिए तांत्रिक टोने टोटके करते हैं। नदियों में स्नान और उसके बाद दान की परंपरा रही है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। भारतीय जनजीवन में अमावस्या अपना अलग ही महत्व है। और माैनी अमावस्या हो तो क्या कहने। यह बहुत ही खास है। सूर्य और चंद्रमा के मिलन को अमावस्या कहते हैं। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच का अंतर शून्य हो जाता है तो अमावस्या तिथि का योग बनता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या की तिथि जगत के पालनहर्ता श्री हरि भगवान विष्णु को समर्पित है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या शनि देव महाराज और पितरों को समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन मौन धारण करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन गंगाजल अमृत के समान होता है, जो इस दिन गंगा स्नान करता है उसके सभी कष्टों का नाश होता है तथा समस्त सुखों को भोगने के बाद वैकुंण्ठ लोक की प्राप्ति होती है।
कब है माैनी अमावस्या
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी 2022, मंगलवार को है। इस दिन लोग अपने विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ती के लिए तांत्रिक टोने टोटके करते हैं। ज्योतिष के अनुसार अमावस्या की रात छोटे व असरदार उपाय करने से एकसाथ कई मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह तिथि बड़ी से बड़ी परेशानियों से मुक्ति दिलाने के लिए बेहद खास है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं मौनी अमावस्या की रात को किए जाने वाले असरदार उपाय, जिससे आप मालामाल हो सकते हैं।
माैनी अमावस्या का समय
कृष्ण पक्ष हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस बार मौनी अमावस्या 01 फरवरी 2022, मंगलवार को है। अमावस्या तिथि 31 जनवरी 2022 को रात 02 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 1 फरवरी की रात 11 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी।
बराकर और दामोदर नदी तट पर लगती श्रद्धालुओं की भीड़
माैनी अमावस्या के दिन स्नान और फिर दान का विशेष महत्व है। इस दिन धनबाद की दो प्रमुख नदियों-दामोदर और बराकर के तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। मैथन और पंचेत डैम पर भी लोग जुटते हैं। ये दोनों डैम क्रमशः बराकर और दामोदर नदी पर स्थित हैं।
हर समस्या का होगा समाधान
- मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर आंटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य को सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है और बड़ी से बड़ी मुसीबतों का अंत हो जाता है।
- मौनी अमावस्या के दिन चींटियों को आंटा और चीनी खिलाने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन विधिवत चंद्रदेव की पूजा अर्चना करने से कार्य में आ रही विघ्न बाधाओं का अंत होता है और कठिन से कठिन रास्ते भी आसान हो जाते हैं। ऐसे में इस दिन विधिवत चंद्रमा की पूजा करें।
- अमावस्या की तिथि श्री हरि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने व मंत्रों का जप करने से धन प्राप्ति के मार्ग में वृद्धि होती है तथा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।
- इस दिन धन संपदा में वृद्धि के लिए तुलसी पूजन करना चाहिए। तुलसी पूजन के बाद 108 बार तुलसी की परिक्रमा करें, ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इससे धन संपदा में वृद्धि होती है।
- मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पूजन का भी विधान है। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में ब्रम्हा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। मान्यता है कि इस दिन पीपल के पेड़ को 108 बार कच्चे सूत से लपेटने और फल अर्पित करने से घर से दरिद्रता दूर होती है और जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है।
- मौनी अमावस्या की रात को चंद्रमा की विधिवत पूजा अर्चना करने से घर में सकारात्मक शक्तियों का वास होता है और नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है। तथा घर परिवार की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।
- इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण आदि करने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि मौनी अमाव्सया के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और वंश में वृद्धि व सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- इस दिन पात्र व्यक्ति को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन किसी गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को दान आदि करने से शनिदेव की कृपा अपने भक्तों पर सदैव बनी रहती है।
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