कार्ल मार्क्स की पुण्यतिथि पर मासस ने आयोजित की संगोष्ठी
मासस केंद्रीय कार्यालय पुराना बाजार में कम्युनिस्ट पार्टी के जनक और विश्व के सर्वहारा नेता कार्ल मार्क्स की पुण्यतिथि रविवार को मनाई गई। इस अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में मासस जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद पप्पू ने कहा कि राजनीतिक दार्शनिक के रूप में कार्ल मार्क्स अभी भी प्रसागिक है।

जासं, धनबाद : मासस केंद्रीय कार्यालय पुराना बाजार में कम्युनिस्ट पार्टी के जनक और विश्व के सर्वहारा नेता कार्ल मार्क्स की पुण्यतिथि रविवार को मनाई गई। इस अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में मासस जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद पप्पू ने कहा कि राजनीतिक दार्शनिक के रूप में कार्ल मार्क्स अभी भी प्रसागिक है। बहुत से लोग अपने संघर्षो में उनके विचारों से प्रेरणा लेते हैं। दुनिया के मजदूर एक हो और मजदूरों को अपनी एकता दिखाने के लिए प्रेरित करने को महान विचारक कार्ल मार्क्स ने यह बात कही और तब से यह मजदूरों के लिए नारा बन गया। मार्क्स के अनुसार समाज के शोषक और शोषित दो वर्ग सदा ही आपस में संघर्षरत रहते हैं और इनमें समझौता कभी संभव नहीं है। साथ ही बताया कि कार्ल मार्क्स ने काफी किताबें भी लिखी है, उनकी लिखी हुई कम्युनिस्ट घोषणापत्र और दास कैपिटल ने एक समय दुनिया के कई देशों और करोड़ों लोगों पर राजनीतिक व आíथक रूप से निर्णायक असर डाला था। हरिप्रसाद पप्पू ने वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार देश को फिर से एक बार गुलामी की ओर धकेल रहे हैं, देश की सारी संपत्ति धीरे-धीरे बेची जा रही है, मजदूर किसान सर्वहारा लोगों के ऊपर अत्याचार हो रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में मार्क्सवाद के साथ चल शोषण मुक्त समाज परिकल्पना की बात कही। मौके पर सुभाष चटर्जी, राणा चट्टराज, सुभाष सिंह, बिंदा पासवान, रामलाल दा, भूषण महतो, विश्वजीत राय, बुटन सिंह, भगवान पासवान, राजेश बीरूआ, शिवबालक पासवान, संजय पासवान आदि मौजूद थे।
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