Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गिरिडीह में कुछ बड़ा करने की फिराक में माओवादी, कृष्णा दस्ते के संदेशवाहक ने खोला राज

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Tue, 15 Feb 2022 09:32 AM (IST)

    माओवादियों का संदेशवाहक कटि मुर्मू ने पुलिस को बताया कि कृष्णा के दस्ते में 20 सदस्य हैं। 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस के दौरान मधुबन व खुखरा में दो मोबाइल टावर उड़ाए गए। डुमरी में एक पुल उड़ाया गया। चिचाकी के पास रेलवे ट्रैक पर विस्फोट कराया।

    Hero Image
    गिरिडीह में माओवादियों की बढ़ी सक्रियता ( प्रतीकात्मक फोटो)।

    प्रमोद चौधरी, गिरिडीह। इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा का खानसामा और संदेशवाहक कटि मुर्मू हाल में गिरफ्तार हुआ। माओवादियों ने उसे दस्ते में शामिल होने के लिए धमकाया था, नतीजा वह माओवाद की राह बढ़ गया। इससे पहले वह मधुबन में पारसनाथ आए तीर्थयात्रियों को पहाड़ पर चढ़ाने वाला डोली मजदूर था। पुलिस गिरफ्त में आने पर उसने बताया है कि पारसनाथ में ही कृष्णा हांसदा का दस्ता मौजूद है। रविवार को जेल जाने के पहले उसने दस्ते के बारे में कई राज बताए। इससे पहले नक्सली एतवारी किस्कू पकड़ा गया था। वह भी डोली मजदूर था। धमकी के भय से दस्ते में शामिल हुआ था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    माओवादी बढ़ा रहे आधार

    कटि ने बताया कि कृष्णा के दस्ते में 20 सदस्य हैं। 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस के दौरान मधुबन व खुखरा में दो मोबाइल टावर उड़ाए गए। डुमरी में एक पुल उड़ाया गया। 27 जनवरी को ग्रैंड कार्ड लाइन पर चिचाकी के पास रेलवे ट्रैक पर विस्फोट किया गया। यह इसी दस्ते का काम था। नक्सली फिर इस क्षेत्र मेें पैठ बढ़ाने की जुगत में है। हालांकि पुलिस ने इस दस्ते को बड़ी चोट दी है। कृष्णा के आठ सहयोगियों शमसेर, मुस्तफा, रूपलाल, एतवारी, कटि आदि को पकड़ लिया है। कुष्णा दस्ते की उपस्थिति से पुलिस अलर्ट मोड़ में है। माना जा रहा है कि कुष्णा दस्ता किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। 

    बाप बेटे ने खोले राज, कटि ने दिए सुराग

    नक्सली एतवारी व उसके पुत्र रूपलाल ने दस्ते के बारे में पुलिस को कई राज बताए हैं। इसके बाद धराए कटि ने भी पुलिस को दस्ते के बारे में सुराग दिए हैं। इनकी बदौलत ही गिरिडीह पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। कृष्णा को कमजोर करने में लगी है।

    पोस्टर चिपकाने से लेकर सामग्री पहुंचाने तक के मिलते थे पैसे

    कटि का कहना है कि आठ साल से संगठन से जुड़ा है। पहले अजय दा के दस्ते में था। फिर कृष्णा के लिए काम करने लगा। वह जैन तीर्थ यात्रियों को पर्वत वंदना कराने में डोली मजदूर था। दस्ता के सदस्यों को भोजन पहुंचाने से लेकर पोस्टर साटने, संदेश पहुंचाने के काम करता था। हर काम के लिए से दो-तीन सौ रुपये मिलते थे। कटि अनपढ़ है। अपनी जान बचाने के डर से कृष्णा के संपर्क में आया।

    बगावत करने वालों को रणविजय देता सजा

    कृष्णा बराबर गांवों में आता है। कई बार बाइक से आया है। गांव पहुंचने के बाद वह ग्रामीणों को बैठक में बुलाता है। फिर संगठन में शामिल होने का दबाव बनाता है। उसकी बात नहीं मानने पर पुलिस का मुखबिर बता हत्या की धमकी देता है। कृष्णा का खास बोकारो के नावाडीह का रणविजय है। संगठन के विरुद्ध बोलने पर रणविजय ही लोगों की पिटाई करता है। उसके पास एसएलआर है। कृष्णा व उसका एक और खास एके 47 से लैस रहता है। प्रतिरोध दिवस के दौरान डुमरी में पुल उड़ाने में चतरो निवासी विजय ही कटि के पास बाइक लेकर आया था, उसे साथ ले गया था। फिलहाल पारसनाथ जोन में पुलिस का सर्च अभियान चल रहा है।