Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब माओवाद में भी परिवारवाद, झारखंड और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहा फैलाव

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Tue, 22 Feb 2022 08:56 AM (IST)

    झारखंड व बिहार के सीमा क्षेत्र में माओवादी संगठन में उनके स्वजनों का दबदबा से पुलिस भी सकते में है। हालांकि परिवारवाद की लाइन पर पुलिस की जांच पहले से चल रही है ताकि उनके स्वजनों को भी चिह्नित किया जा सके। उनकी गतिविधियों पर पैनी निगरानी रखी जा सके।

    Hero Image
    राजनीति की राह पर माओवाद ( प्रतीकात्मक फोटो)।

    प्रमोद चौधरी, गिरिडीह। यह संगठन में दबदबा और आर्थिक लाभ का मामला है। इसलिए राजनीति की तरह माओवाद में भी परिवारवाद की नींव पड़ चुकी है। दारोगी यादव कुख्यात माओवादी है। वह फिलहाल जमुई जेल में है। गिरिडीह केंद्रीय कारा से उसे वहां शिफ्ट किया गया। अब उसका पुत्र पंकज यादव झारखंड से बिहार तक हत्याओं को अंजान देने और लेवी वसूलने में दबदबा कायम कर चुका है। नक्सली संगठन में पिता के बाद पुत्र की हनक थी। बीते शुक्रवार को ही गिरिडीह की पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसी साल जनवरी में प्रतिरोध दिवस मनाने के दौरान माओवादियों ने गिरिडीह में पुल, रेल पटरी व दो मोबाइल टावर उड़ाए गए। इस मामले में नक्सली रूपलाल व कटि को जेल भेजा गया। दोनों पिता-पुत्र हैं। दोनों कृष्णा हांसदा दस्ते का सदस्य थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड व बिहार के सीमा क्षेत्र में माओवादी संगठन में उनके स्वजनों का दबदबा से पुलिस भी सकते में है। हालांकि परिवारवाद की लाइन पर पुलिस की जांच पहले से चल रही है ताकि उनके स्वजनों को भी चिह्नित किया जा सके। उनकी गतिविधियों पर पैनी निगरानी रखी जा सके। इससे पहले चिलखारी में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के पुत्र अनूप मरांडी समेत 20 लोगों की हत्या माओवादियों ने की थी। 26 अक्टूबर 2007 आधी रात में इस नरसंहार को अंजाम दिया गया था। इसमें पीरटांड़़ थाना के करंदो निवासी जीतन मरांडी का नाम पुलिस जांच में आयाष उसकी पत्नी अपर्णा नक्सली केस में ही दुमका जेल में थी। हालांकि चिलखारी कांड की न्यायिक सुनवाई में जीतन बरी हो गया था, लेकिन गिरिडीह न्यायालय में कई कांडों में वह आरोपित था। इनमें गणेश यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मियों से लेवी वसूलने व मशीन जलाने का मामला भी है। वर्ष 2018 की इस वारदात में जीतन के साथ चंद्रमोहन राय उर्फ झाजी भी नामजद है। पिछले साल जीतन की मौत हो गई।

    पुलिस सूत्रों की मानें तो बिहार के चकाई मंझलाडीह निवासी बलदेव मुर्मू व उसके पुत्र मनोज मुर्मू का नाम भी पुलिस रिकार्ड में है। दोनों के खिलाफ बिहार के अलावा झारखंड के भेलवाघाटी थाने में प्राथमिकी दर्ज है। ंवर्ष 2019 में गुणियाथर गांव में माओवादियों की मुठभेड़ पुलिस व सीआरपीएफ जवानें से हुई थी। इसमें सीआरपीएफ का जवान विश्वजीत चौहान बलिदान हुए थे। तीन नक्सली भी मारे गए गए थे। बलदेव के विरुद्ध के चकाई के गुडड़़बाद में बरामद विस्फोटक कांड में नामजद है।

    इधर, पुलिस के समक्ष पंकज ने कई राज का खुलासा किया। जमुई जिले के चरकापत्थर का रहने वाला पंकज पर गिरिडीह, जमुई और नवादा में लेवी और रंगदारी वसूलने का आरोप है। पंकज ने हत्याकांड में भी संलिप्तता स्वीकारी है। चकाई में पुलिस मुखबिर बताकर चतुर हेंब्रम के बेटे अजय हेंब्रम की हत्या हुई थी। इस वारदात में वह शामिल था। इस इस कांड में पहले गिरफ्तार हुआ उपेंद्र यादव का ममेरा भाई पंकज है। कमलेश यादव उसका सहयोगी है। पुलिस तीनों के आपराधिक इतिहास को खंगाल रही है। जल्द ही इस बारे में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।