Dhanbad के निरसा में कई बच्चों की बची जान, आंगनबाड़ी जाने वाले रास्ते में बना गोफ, ऊपर बसी आबादी खतरे में
निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलचढ़ी मुगमा बस्ती के समीप राय टोला एवं आंगनबाड़ी केंद्र को जोड़ने वाले मुख्य रास्ते पर अचानक जमीन धंसने से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। मंगलवार सुबह लगभग तीन फीट के दायरे में बने इस गोफ(गड्ढा) को देखकर ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया। यह मार्ग न आंगनबाड़ी जाने का एकमात्र रास्ता है।

जागरण संवाददाता, निरसा (धनबाद)। निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलचढ़ी मुगमा बस्ती के समीप राय टोला एवं आंगनबाड़ी केंद्र को जोड़ने वाले मुख्य रास्ते पर अचानक जमीन धंसने से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
मंगलवार सुबह लगभग तीन फीट के दायरे में बने इस गोफ(गड्ढा) को देखकर ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया। यह मार्ग न केवल बच्चों के स्कूल (आंगनबाड़ी) जाने का एकमात्र रास्ता है, बल्कि राय टोला और सेंट्रल पूल के सैकड़ों लोगों के आवागमन का मुख्य मार्ग भी है।
खदान के ऊपर बसी आवादी खतरे में
स्थानीय निवासी गोपाल राय ने बताया कि वर्षों पूर्व इस क्षेत्र में फायरक्ले (अग्नि-मिट्टी) की खदान संचालित थी। खदान बंद होने के बाद यह इलाका रिहायशी क्षेत्र में बदल गया।
लेकिन खदान की सतह के नीचे की खुदाई ने अब जाकर असर दिखाना शुरू किया है। संभावित खदान के कारण जमीन धंसने से यह गोफ बना है, जिसके नीचे काफी गहराई तक गड्ढा देखा गया है।
स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि सक्रिय
घटना की सूचना मिलते ही जिप सदस्य संजय सिंह पिंटू एवं सांसद प्रतिनिधि गोपाल राय मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थानीय लोगों के सहयोग से बांस-बल्ली की सहायता से गोफ वाले स्थान की घेराबंदी करवाई ताकि कोई बच्चा या मवेशी उसमें गिर न सके।
संजय सिंह पिंटू ने आश्वासन दिया कि मामले की जानकारी ईसीएल (ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) प्रबंधन को दी जाएगी और जल्द से जल्द गोफ की मरम्मत एवं उस क्षेत्र की जांच करवाई जाएगी।
लोगों की सुरक्षा पर मंडराता खतरा
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह गोफ और बड़ा हो सकता है तथा दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाएगी।
स्थानीय लोग आशंका जता रहे हैं कि अन्य स्थानों पर भी इस प्रकार की घटनाएं हो सकती हैं। प्रशासन से मांग की जा रही है कि पूरे क्षेत्र का सर्वे कराकर ऐसी संभावित जगहों की पहचान की जाए।
घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि खदानों के ऊपर बसी बस्तियों में लोगों की जान जोखिम में है और समय रहते प्रभावी कदम उठाना नितांत आवश्यक है।
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