बड़े साहब के कहने पर अधिक दाम में बेच रहे शराब, ग्राहकों से लूट पर दुकानदार ने कहा- हिस्सा नहीं दिए तो..
निरसा चिरकुंडा मैथन कुमारधुबी मुगमा पंचेत कलियासोल आदि क्षेत्रों में मनमानी तरीके शराब बेची जा रही है। अंग्रेजी शराब दुकानदार ग्राहकों से प्रिंट रेट से अधिक कीमत वसूल रहे हैं। ग्राहकों से 10 रुपये से 40 रुपये तक की अधिक वसूली की जा रही है। दुकानदारों की आए दिन ग्राहकों से नोकझोंक हो रही है। उत्पाद विभाग के अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

जासं, धनबाद/मैथन। निरसा, चिरकुंडा, मुगमा, मैथन, पंचेत, कलियासोल क्षेत्र की अंग्रेजी शराब दुकानों में मनमानी तरीके से शराब की बिक्री की जा रही है। अधिकांश दुकानों में निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही है। इसको लेकर आए दिन शराब खरीदने वाले और दुकान संचालकों के बीच नोकझोंक होती रहती है।
निर्धारित मूल्य से अधिक रेट पर शराब की बिक्री
शिकायत मिलने पर दैनिक जागरण संवाददाता ने कुछ शराब दुकानों में जाकर सच्चाई पता करने की कोशिश की। सबसे पहले हम कुमारधुबी स्टेशन रोड स्थित सरकारी शराब दुकान में पहुंचे। वहां शराब की हर बोतल पर निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत ग्राहकों से ली जा रही थी। अंग्रेजी शराब की नींब पर 10 रुपये, हाफ बोतल पर 20 रुपये और फूल बोतल पर 30 से 40 रुपये अधिक कीमत वसूली जा रही थी। बीयर के बोतल पर 20 रुपये अधिक लिए जा रहे थे।
बड़े साहब के कहने पर दुकानदार वसूल रहे हैं अधिक मूल्य
यहीं हाल निरसा, कुमारधुबी के शिवलीबाड़ी, चिरकुंडा श्रमकल्याण केंद्र के सामने, मैथन मेनगेट, मुगमा की अंग्रेजी शराब दुकानों में देखी गई। इन दुकानों में भी हरेक शराब की बोतल पर 10 रुपये से 40 रुपये तक अधिक वसूली ग्राहकों से की जा रही थी। हम मैथन मेन गेट स्थित अंग्रेजी सरकारी शराब दुकान में सच्चाई का पता लगाने पहुंचे, तो वहां संजय सिंह नामक युवक दुकान संचालक से नोकझोंक कर रहा था।
पूछने पर बताया कि दुकान संचालक अंग्रेजी शराब के हाफ बोतल पर 20 रुपये अधिक ले रहे हैं। दुकान संचालक साफ कहते हैं कि वे लोग बड़े साहब के कहने पर ग्राहकों से शराब की अधिक कीमत वसूल रहे हैं। इस कमाई में बड़े साहब से लेकर छोटे साहब को हिस्सा देना पड़ता है। हमलोग तो छोटे कर्मचारी हैं। साहब के आदेश का पालन नहीं करेंगे तो नौकरी से हटा दिया जाएगा। भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।
राज्य में शराब बिक्री के नाम पर लूट
इस पर ग्राहक संजय सिंह का कहना था कि अंग्रेजी शराब की दुकानों में खुलेआम ग्राहकों से लूट हो रही है और उत्पाद विभाग के अधिकारी मौन हैं। इससे साफ हो गया है कि शराब बिक्री के नाम पर हो रही लूट में सभी शामिल हैं। राज्य सरकार को मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि शराब बिक्री के नाम पर ग्राहकों को लूटने का खेल बंद हो सके।
बीयर की कालाबाजारी, दुकानदार मालामाल
बीयर की बोतल पर निर्धारित मूल्य से 20 रुपये अधिक लेने के बाद भी अधिकांश अंग्रेजी शराब की दुकानों में ग्राहकों को बीयर नहीं मिल रहा है। अधिकांश दुकानों में बीयर गायब है। गर्मी के इस मौसम में बीयर पीने वाले शौकीन परेशान हैं। पता चला है कि अधिकांश दुकानदार आसपास के होटल मालिक संचालकों को कालीबाजारी में बीयर बेच रहे हैं। इससे उन्हें मोटी कमाई हो जाती है।
डिमांड अधिक होने पर भी नहीं हो रही बीयर की सप्लाई
होटल मालिक भी बीयर पीने के शौकीन लोगों से 170 रुपये की जगह एक बोतल पर 250 रुपये तक की वसूली कर रहे हैं। वह कहते हैं कि कालाबाजारी में बीयर खरीद कर लाते हैं, तो अधिक पैसा नहीं लेंगे तो कैसे पेट चलेगा।
इस संबंध में उत्पाद विभाग के इंसपेक्टर कुंदन कौशल का कहना है कि गर्मी के मौसम में बीयर की डिमांड अधिक है। जितना बीयर का डिमांड है उतना विभाग सप्लाई नहीं कर पा रहा है। इसलिए बीयर की किल्लत हो गई है।
गिरिडीह में कार्रवाई के बाद भी दुकानदारों में डर नहीं
पिछले दिनों निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत लेने की शिकायत पर गिरिडीह जिले में करीब एक दर्जन सरकारी शराब दुकानों के कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इससे लगा था कि अब शराब दुकानदारों की मनमानी पर रोक लगेगी, लेकिन प्रशासन की इस कार्रवाई का निरसा, चिरकुंडा, कलियासोल, पंचेत क्षेत्र के सरकारी शराब की दुकानदारों पर कोई असर नहीं पड़ा। महिजाम के बबलू सिंह व गया के सुरेश सिंह नामक मैनेजर के नेतृत्व में खुलेआम सरकारी शराब दुकानों में ग्राहकों से शराब की निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूली जा रही है।
छह माह से सरकारी शराब दुकानों के कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
निरसा, चिरकुंडा, पंचेत, कलियासोल आदि क्षेत्रों में संचालित सरकारी शराब की दुकानों में काम करने वाले करीब 50 से अधिक कर्मचारियों को पिछले छह माह से वेतन नहीं मिला है। इससे उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ग्राहकों से वसूली जाने वाली शराब की अधिक कीमत में से कुछ हिसा कर्मचारियों को भी मिलता है। इससे ही उनका गुजर बसर हो रहा है। अगर वे लोग वेतन के भरोसे रहेंगे तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।
जहां भी शराब की निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली की शिकायतें आ रही है वहां कार्रवाई की जा रही है। शिकायत मिलने पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी। इसकी देखरेख के लिए हर क्षेत्र में उत्पाद इंसपेक्टर तैनात हैं। ग्राहक उनसे शिकायत कर सकते हैं। उमाशंकर सिंह, सहायक उत्पाद आयुक्त, धनबाद

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