एलएचबी कोच को पटरी पर दौड़ने का इंतजार
धनबाद से पटना जाने वाले पैसेंजर के लिए खुशखबरी है। अब गंगा दामोदर एक्सप्रेस में एलएचबी कोच लगाए जाएंगे, क्या होगा फायदा पढि़ए पूरी खबर।
राहुल मिश्रा, चासनाला : गंगा-सतलज एक्सप्रेस के बाद अब धनबाद से पटना के बीच चलने वाली गंगा-दामोदर एक्सप्रेस को एलएचबी रैक के चलाने को मंजूरी मिल चुकी है। पाथरडीह सेंट्रल केबिन मार्श¨लग यार्ड में पहुंची दो एलएचबी रैक को लेकर यह संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही गंगा-दामोदर को एलएचबी रैक के साथ चलाने की घोषणा होगी।
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सात सितंबर से खड़ी है रैक
यार्ड में बरौनी-सिकंदराबाद परीक्षा स्पेशल पिछले सात सितंबर से खड़ी है। इसमें छह स्लीपर, दस दीनदयालु कोच व दो जेनरेटर कम गार्ड रूम है। दूसरी ओर, मंगलवार की देर रात दो गार्ड जेनरेटर कम गार्ड रूम के साथ दस अंत्योदय बोगियां भी पाथरडीह पहुंची हैं।
एलएचबी कोच परिचालन की मिल चुकी मंजूरी
धनबाद की पहली एलएचबी रैक के साथ गंगा-दामोदर एक्सप्रेस को ही चलाने की योजना थी। पर गया-पटना रेलखंड पर एलएचबी कोच चलाने की सीआरएस स्वीकृति नहीं रहने के कारण गंगा-सतलज एक्सप्रेस को एलएचबी रैक मिला। अब धनबाद से पटना के बीच एलएचबी कोच परिचालन का रास्ता भी साफ हो चुका है।
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एलएचबी कोच के फायदे
- पुराने कोच औसत गति 70 से 110 किमी प्रति घंटा है, जबकि एलएचबी कोच अधिकतम गति बढ़कर 140 से 160 हो सकती है।
- जनरल में दीनदयालु कोच हैं जिनकी स्लीपर में 72 के बजाय 80 सीटें हैं।
- इसमें एयरब्रेक की जगह डिस्क ब्रेक सिस्टम काम करेगा।
- सभी बोगियों में बायो टॉयलेट हैं।
- एलएचबी कोच का साउंड लेवल 60 डेसीबल होने से ट्रेन के अंदर खटखट की आवाज कम आएगी।
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