Katras News: अवैध खनन से दूसरे दिन भी जारी रहा भू-धंसान,लाठी-डंडे लेकर सड़क पर उतरे लोग
कतरास कोयलांचल में अवैध कोयला उत्खनन के कारण शबरी बस्ती में भूधंसान हुआ जिससे लोग आक्रोशित हो गए। 300 से अधिक लोगों ने पुनर्वास की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। महिलाओं ने अवैध खनन बंद करने और 35 घरों को सुरक्षित जगह पर बसाने की मांग की। प्रबंधन ने जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया जिसके बाद जाम हटा।

जागरण संवाददाता, कतरास। कतरास कोयलांचल में अवैध कोयला उत्खनन का काला धंधा अपनी खतरनाक हकीकत दिखा रहा है।
मालूम हो कि बीते सोमवार को मोदीडीह कोलियरी के नया श्यामबाजार स्थित शबरी बस्ती में जोरदार आवाज के साथ भूधंसान हुआ था, लेकिन मंगलवार को भी घरों और जमीन में दरारें पड़ने का सिलसिला जारी रहा, जिससे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
आक्रोशित होकर शबरी बस्ती सहित नया-पुराना श्याम बाजार, जोगता और मोदीडीह सात नंबर के 300 से अधिक लोग सड़क पर उतर आए और सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास की मांग को लेकर जोरदार आंदोलन शुरू कर दिया।
हाथों में झाड़ू और लाठी-डंडे लिए महिला-पुरुषों ने पहले जोगता मोड़ पर सड़क जाम किया, फिर जुलूस निकालकर सिजुआ के 10 नंबर मोड़ पर कतरास-करकेंद मार्ग को जाम कर दिया।
करीब डेढ़ घंटे तक चले इस जाम से कतरास, धनबाद, तेतुलमारी, राजगंज और कपुरिया जाने वाले वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी हुई।
लोग पुलिस और बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान एक बाइक सवार को पार होते देख आंदोलनकारी उस पर टूट पड़े, जिसे स्थानीय लोगों के बीच-बचाव के बाद बचाया जा सका।
पुलिस के ढुलमुल रवैये से नाराज महिलाएं धूप और बारिश की परवाह किए बिना सड़क के बीचों बीच बैठी रहीं।
35 घरों को पुनर्वास की मांग
प्रदर्शनकारियों ने जोगता थाना प्रभारी पवन कुमार से मांग की कि अवैध खनन पूरी तरह से बंद किया जाए और शबरी बस्ती के 35 घरों को सुरक्षित जगह पर बसाया जाए।
महिलाओं ने बताया कि इन घरों में 300 से अधिक लोग रहते हैं। उन्होंने सुरक्षित पुनर्वास के साथ-साथ रोजगार की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जोगता थाना प्रभारी के हस्तक्षेप के बाद मोदीडीह कोलियरी के प्रबंधक दशरथ सिंह, सर्वे अधिकारी संजीव कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
अधिकारियों ने तीन संभावित जगहों पर जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद, करीब डेढ़ घंटे बाद सड़क जाम हटा और आवागमन सामान्य हो सका।
घरों से सामान निकाल रहे लोग
सोमवार को भू-धंसान के कारण अरुण रजक और गोविंद भुइयां के घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए थे।
मंगलवार को भी घरों में दरारें पड़ने की खबर तेजी से फैल गई, जिससे दहशत के माहौल में भोला भुइयां, धनुआ भुइयां, हरेराम यादव, गोड़ा भुइयां और गोविंद भुइयां ने अपने-अपने घरों से सामान बाहर निकाल दिया।
कविता देवी के मिट्टी के घर की दीवार दरक गई है और सरिता देवी के घर की दीवार में भी दरारें पड़ी हैं।
पुनर्वास के लिए स्थल चिह्नित
जाम हटने के बाद प्रबंधन, पुलिस और प्रभावित परिवार पुराने श्यामबाजार स्थित काली मंदिर के पास पहुंचे। प्रबंधन ने उन्हें अपने स्तर पर जगह का चयन करने के लिए कहा, जिस पर प्रबंधन जगह उपलब्ध कराएगा।
मोदीडीह कोलियरी के प्रभारी पीओ संजय नंदा ने बताया कि शबरी बस्ती को पहले ही असुरक्षित घोषित किया जा चुका है और नोटिस भी दिया गया था। फिलहाल जगह चिह्नित कर पुनर्वास की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है।
जाम समाप्त होते ही प्रबंधन, पुलिस व प्रभावित परिवार पुराना श्यामबाजार स्थित काली मंदिर के समीप पहुंचे। कुछ लोगों ने जहां उक्त जगह पर घर बनाने की इच्छा जाहिर की वहीं कुछ शबरी बस्ती के बगल में आइसक्रीम फैक्ट्री के सामने घर बनाकर बसने की इच्छा जाहिर किया।
प्रबंधन की ओर से कहा गया आप लोग अपने स्तर से जगह चयन करें। हमलोग आप सभी को जगह मुहैया करा देंगे।
जबकि प्रबंधन द्वारा पुराना श्यामबाजार में एक आवास की चाभी प्रभावित अरुण रजक को दिया गया था। जिसमें उसने रहने से इंकार कर दिया। उसका कहना है कि हमें सुरक्षित स्थान दिया जाए ताकि जहां रोजगार की भी व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
शबरी बस्ती की जमीन में पड़ी दरार को आज प्रबंधन द्वारा ओबी डंप कर भराई करा दिया गया। प्रबंधक दशरथ सिंह तथा जोगता थाना की पुलिस के देखरेख में दरार पड़े स्थल को दो हाइवा व एक पेलोडर मशीन लगाकर भराई शुरू करा दिया गया।
मौके पर प्रबंधक दशरथ सिंह, सर्वे अधिकारी संजीव सिंह, धौड़ा सुपरवाइजर नीरज गुप्ता,मजहर अंसारी आदि मौजूद थे।
शबरी बस्ती को पूर्व में ही कोलियरी प्रबंधन द्वारा असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। पूर्व में नोटिस दिया गया था।
फिलहाल जगह चयन कर पुनर्वास की व्यवस्था कराने की दिशा में पहल शुरू कर दी गई है। इधर दरार पड़े स्थल की भराई जारी है।
विधि व्यवस्था संधारण को लेकर पुलिस को तैनात किया गया है। बीसीसीएल प्रबंधन से वार्ता के बाद पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है।
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