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    पलामू एसपी ने नवा बाजार के थानेदार से कितने लाख मांगे थे ? क्या नहीं देने पर हुई हत्या ? लालजी के पिता ने दिया जवाब

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Thu, 13 Jan 2022 09:51 PM (IST)

    Lalji Yadav Cuicide News पलामू जिले के नावाबाजार के निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव का अंतिम संस्कार गुरुवार को साहिबगंज में किया गया। मासूम बेटे आनंद ...और पढ़ें

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    पलामू एसपी चंदन सिन्हा, लालजी यादव के पिता राम अयोध्या यादव और लालजी यादव ( फाइल फोटो)।

    जागरण संवाददाता, साहिबगंज। पलामू जिले के नवा बाजार थाना प्रभारी के निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या मामले में उनके पिता राम अयोध्या यादव ने बड़ा ही गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने आत्महत्या मानने से साफ इन्कार कर दिया है। हत्या करार दिया है। इसके लिए पलामू के एसपी और डीटीओ पर सीधे आरोप जड़ा है। उन्होंने साफ कहा है कि पलामू एसपी ने पांच लाख रुपये मांगे थे। नहीं देने पर निलंबित करने के बाद हत्या कर दी गई। दूसरी तरफ गुरुवार सुबह लालजी का शव साहिबगंज पहुंच। इसके बाद गंगा तट पर अंतिम संस्कार किया गया। तीन साल के बेटे आनंद कुमार यादव ने मुखाग्नि दी। इस माैके पर बिजली घाट पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। पलामू से भी लोग आए थे। झारखंड पुलिस एसोसिएशन के भी पदाधिकारी उपस्थित थे। 

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    एसपी ने मेरे बेटे के साथ किया विश्वासघात

    लालजी यादव के पिता राम अयोध्या यादव वीडियो में यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि हत्या उन लोगों ( पलामू एसपी और डीटीओ) ने किया है। हत्या में एसपी और डीटीओ का हाथ है। डीटीओ थाने में गाड़ी घुसाते थे। बेटा कहता था कि लिखित में दीजिए तब गाड़ी थाने में लगेगी। डीटीओ ने एसपी से शिकायत की। एसपी ने निलंबित कर विश्वासघात किया। एसपी पांच लाख रुपये मांगते थे। उनका कहना था कि पांच लाख का मंथली बंधा हुआ है। बेटे ने कहा नहीं दे सकते। इसी कारण एसपी नाराज रहते थे। जब भी बात होती थी तो बेटा बताता था कि एसपी रुपये के लिए नाराज हैं। 

    सीबीआइ जांच की मांग को लेकर सड़क जाम

    पलामू में कथित तौर पर आत्महत्या करनेवाले दारोगा लालजी यादव का शव गुरुवार की सुबह करीब 8.15 बजे यहां पहुंचा। इससे पूर्व उनके स्वजनों व आसपास के लोगों ने साक्षरता चौक को बांस- बल्ला लगाकर जाम कर दिया था। इस वजह से इस मार्ग पर वाहनों का परिचालन बंद था। शव पहुंचने के बाद स्वजन और आक्रोशित हो गए। करीब दो हजार लोगों की भीड़ साक्षरता चौक पर जमा हो गई। लोग सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। वहां से कुछ युवक जुलूस की शक्ल में आगे बढ़े और दुकानों को बंद कराना शुरू किया। साहिबगंज रेलवे स्टेशन तक की दुकानों को बंद करा दिया। सड़क किनारे लगे सरकार के होर्डिंग-बैनर को भी निशाना बनाया। साहिबगंज कालेज के समीप लोहे के पाइप को रखकर सड़क जाम कर दिया। रेलवे स्टेशन के समीप स्थित क्रासिंग को भी बंद करा दिया। इस वजह से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी-अपनी दुकानों को धड़ाधड़ बंद करने लगे। लोगों के उग्र होने की सूचना पर जिरवाबाड़ी ओपी, नगर, मुफस्सिल, मिर्जाचौकी आदि थानों से अतिरिक्त बल व पुलिस पदाधिकारियों को बुलाया गया। दंडाधिकारी के रूप में साहिबगंज सीओ अब्दुस समद व बोरियो सीओ महेंद्र मांझी को वहां भेजा गया।

    अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़

    उधर, सूचना मिलने पर झामुमो के केंद्रीय सचिव सह बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, यादव महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बजरंगी यादव आदि साक्षरता चौक पहुंचे। केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा ने स्वजनों को मामले की निष्पक्ष जांच कराने, आश्रित को उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। कहा कि स्वजन जमीन उपलब्ध कराएंगे तो सांसद मद से उनकी प्रतिमा भी लगवायी जाएगी। काफी समझाने-बुझाने के बाद स्वजन मान गए और वहां से शव को कबूतरखोपी स्थित आवास पर ले जाया गया। हालांकि, वहां कुछ स्वजन सीबीआइ जांच की घोषणा होते तक शव के अंतिम संस्कार के पक्ष में नहीं थे। बाद में पंकज मिश्रा, बजरंगी यादव, बोरियो के पूर्व विधायक ताला मरांडी, नगर परिषद उपाध्यक्ष रामानंद साह आदि वहां पहुंचे और स्वजनों को अंतिम संस्कार के लिए राजी किया। इसके बाद वहां से शवयात्रा निकाली गई। सैकड़ों लोग इसमें शामिल थे। बिजली घाट पर पुलिस के जवानों ने अंतिम सलामी दी जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि तीन वर्षीय बेटे आनंद कुमार यादव ने दी।