Dhanbad: कतरास क्षेत्र के केसलपुर, सलानपुर व रामकनाली कोलियरी की खदानें बंद, कर्मियों को सताने लगा स्थानांतरण का डर
कोयले का भंडारण रहने के बावजूद कतरास क्षेत्र के कई कोलियरीयां बंदी के कागार पर है। खदाने बंद हो जाने से सैकड़ों कर्मियों को स्थानांतरण होने की चिंता ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, कतरास: कोयले का भंडारण रहने के बावजूद कतरास क्षेत्र के कई कोलियरीयां बंदी के कागार पर है। खदाने बंद हो जाने से सैकड़ों कर्मियों को स्थानांतरण होने की चिंता सताने लगी है। कुछ कर्मी खदान से पानी निकालने की काम पर तेजी लाने में लगी है। वहीं कुछ यूनियन समर्थक भी खदानों को चालू कराने को लेकर आन्दोलन पर उतर आए हैं।
आंदोलनरत श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दे डाली है। यूनियन समर्थकों का कहना है कि प्रबंधन सिर्फ निजी स्वार्थ के चलते खदानों को बंद करने की साजिश रच रखी है।जिससे कतरास क्षेत्र के भूमिगत खदानों के अस्तित्व पर संकट मंड़राने लगा है।
जबकि माइनिंग जानकारों के अनुसार इन खदानों में कोयले का अथाह भंडार है और उत्तम गुणवत्ता वाली है। 28 सितंबर से लगातार तीन दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश का पानी घुस जाने से पानी निकासी करने के बजाय प्रबंधन उसे बंद करने में लगी हुई है। ताकि आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से कोयले की निकासी कर सके। उनलोगों ने यह भी बताया कि प्रबंधन अपनी सक्रियता दिखाई तो खदान से पानी शीघ्र ही निकाल कर उसमें पुन: उत्पादन काम शुरू कराया जा सकता है।
बताया जाता है कि 28 सितंबर से चार दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश का पानी कई खदानों में घुस जाने से खदान डूब गया। कई कोलियरी के कर्मी यूं ही अपने कार्य पर आते हैं और हाजिरी बना कर चलता बनता है इससे विभाग को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं केसलपुर कोलियरी के दो नंबर भूमिगत खदान में 182, सलानपुर कोलियरी के पांच नंबर में 347 तथा तीन नंबर भूमिगत खदान में 287 कर्मी कार्यरत हैं। फिलहाल ये बेकार बैठे हुए हैं। इन्हें अन्यत्र स्थानांतरण का भय सताने लगा है।

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