'छिन गया आशियाना, अब कहां सिर छिपाएं...', धनबाद के कतरास में भू-धंसान पर बेघर हुए पीड़ितों का छलका दर्द
कतरास के केशलपुर मुंडा पट्टी में भू-धंसान से कई परिवार बेघर हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि अवैध उत्खनन के कारण यह हादसा हुआ जिसमें उनके घर मवेशी और कीमती सामान ज़मीन में समा गए। पीड़ितों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। दुर्गा पूजा के नज़दीक आने से उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है।

जागर संवाददाता, कतरास। बीसीसीएल कतरास क्षेत्र के केशलपुर मुंडा पट्टी में हुए भू-धंसान ने स्थानीय लोगों की जिंदगी तबाह कर दी है। जिन लोगों ने अपने घरों को मेहनत से बनाया था, आज वे बेघर हो गए हैं। अपनी आंखों के सामने सबकुछ खत्म होते देखने के बाद उनकी जुबान से निकले शब्द सिर्फ दर्द ही बयां करते हैं।
ग्रामीण सुनील यादव ने बताया कि मेरा सब कुछ खत्म हो गया। जमीन धंसने से मेरे दो मवेशी, जेवर और घर का सारा सामान अंदर चला गया है। बड़ी मुश्किल से पैसे जमा करके जेवर खरीदे थे, आज सब बर्बाद हो गया। अब कैसे गुजारा करेंगे, कुछ समझ नहीं आ रहा।
अब हम अपने बच्चों का पालन-पोषण कैसे करेंगे? जिस घर से हमारा गुजारा चल रहा था, वह अब नहीं रहा। दुर्गा पूजा नजदीक है और हमारी छत ही छिन गई। पूरा परिवार आज दूसरे के घर में शरण लिए हुए है। कहां सिर छिपाएं, यह समझ नहीं आ रहा। -सोनिया देवी, पीड़ित महिला
ग्रामीण नागेश्वर यादव ने बताया कि मेरी दो गाय और उनके बच्चे के साथ-साथ कई जरूरी सामान भी गोफ में समा गए हैं। यह हादसा लगातार हो रही अवैध उत्खनन की वजह से हुआ है। हम प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
सुबह लगभग 11 बजे जोर से ब्लास्टिंग हुई थी, जिसके बाद यह हादसा हुआ। मेरे घर का सारा सामान, बर्तन और अन्य जरूरी चीजें भी उस गोफ में चली गई हैं। हमने सब कुछ खो दिया है। -विजय यादव, पीड़ित ग्रामीण
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