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    Jharkhand Politics: जनआक्रोश रैली में झामुमो ने दिखाई ताकत, जिलाध्यक्ष ने कहा समझ ले अधिकारी बदल गया है निजाम

    बोकारो की अलग-अलग परियोजनाओं में किए गए भूमि अधिग्रहण के बाद विस्थापित हुए लोगों की समस्याओं को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का सेक्टर चार के मजदूर मैदान में आयोजित जन आक्रोश सभा में निर्धारित क्षमता से चार गुणा लोगों के पहुंचने से अफरा तफरी का माहौल रहा।

    By Atul SinghEdited By: Updated: Thu, 26 Aug 2021 05:42 PM (IST)
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    आयोजित जन आक्रोश सभा में निर्धारित क्षमता से चार गुणा लोगों के पहुंचने से अफरा तफरी का माहौल रहा।

    जागरण संवाददाता, बोकारो: बोकारो की अलग-अलग परियोजनाओं में किए गए भूमि अधिग्रहण के बाद विस्थापित हुए लोगों की समस्याओं को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का सेक्टर चार के मजदूर मैदान में आयोजित जन आक्रोश सभा में निर्धारित क्षमता से चार गुणा लोगों के पहुंचने से अफरा तफरी का माहौल रहा। कोरोना काल में संक्रमण को रोकने के लिए निर्धारित शारीरिक दूरी का अनुपालन तो दूर दो तिहाई लोग सड़क और पंडाल के बाहर ही रह गए। न तो मास्क और न ही शारीरिक दूरी का ख्याल रहा।

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    वजह से आ रही कि झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य बनने के बाद पहली बार पूरे जिले के विस्थापितों को एकजुट करने का प्रयास किया गया। दूसरा सरकार के प्रभाव का भी असर कार्यक्रम पर दिखा। मजदूर मैदान में आयोजित जन आक्रोश सभा बोकारो स्टील के विस्थापितों के साथ-साथ दामोदर वैली कॉरपोरेशन के चंद्रपुरा पावर प्लांट बोकारो थर्मल पावर प्लांट के विस्थापित तेनुघाट थर्मल पावर प्लांट विस्थापित के साथ-साथ तेनुघाट डैम कोलार डैम के विस्थापित भी शामिल हुए। कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे बोकारो जिला अध्यक्ष हीरालाल माझी ने कहा कि अब समझौते वाला आंदोलन नहीं होगा।

    प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तय कर दिया है कि चाहे वह सरकारी उपक्रम हो या निजी उपक्रम हो 75 प्रतिशत झारखंडी को रोजगार देना होगा। अब ऐसा नहीं चलेगा कि अपनी जमीन देकर प्लांट बनाने वाले बाहर में बेरोजगार घूमेंगे और अधिकारियों के चहेते प्लांट में नौकरी करेंगे। प्लांट चलाना है प्लांट का विकास करना है तो हर हाल में जो जमीन के मालिक है उन्हें अपने काम के साथ जोड़ना पड़ेगा अन्यथा विस्थापित विरोधी अधिकारियों को झारखंड मुक्ति मोर्चा बोकारो से बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेगी। झाूमुमो झारखंड विरोधी लोगों को सबक सिखाना अच्छे ढंग से जानती है। रैली के बाद दस सूत्री मांग पत्र बोकारो इस्पात प्रबंधन काे सौंपा गया।

    प्रबंधन के साथ मिले हुए हैं बोकारो के विधायक और सांसद

    बोकारो महानगर अध्यक्ष मंटू यादव ने कहा कि बोकारो के विधायक और बेरमो के पूर्व विधायक विस्थापितों को दिखाकर अपना धंधा कर रहे हैं। रही बात धनबाद के सांसद की तो उन्हें सदन में बोलने का मौका नहीं मिलता है छुपा सांसद है । झारखंड मुक्ति मोर्चा विकास विरोधी नहीं है लेकिन विस्थापितों को लूटने वाले उनकी भीड़ दिखाकर ठेकेदारी करने वाले नेताओं को नंगा करने का काम झारखंड मुक्ति मोर्चा करेगा। यादव ने कहा कि बाली डी में क्रिकेट स्टेडियम बने लेकिन बोल रही है तो को रोजगार और उनकी जमीन का एनएचएआई के दर पर भुगतान किया जाए। भाजपा के लोग स्टेडियम के आसपास की जमीन का फर्जी दस्तावेज बना चुके हैं इस बात की एसीबी जांच होनी चाहिए। आदिवासी की जमीन का एनओसी गैर आदिवासी को कैसे मिला। इसकी शिकायत सीएम से की गई है। पूरे विस्थापित समस्या का समाधान है। आज के तिथि से मुआवजा, शतप्रतिशत नियोजन देना होगा।

    पूर्व विधायक ने कहा कि भाजपा अब नहीं आएगी सरकार में 

    गोमिया विधानसभा के पूर्व विधायक योगेन्द्र महतो ने कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी झारखंड में सत्ता में नहीं आने वाली हैं। जमीन बेचने वाले भाजपा नेता अब झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में बेरोजगार हो गए हैं। बोकारो इस्पात प्रबंधन को भी आवाज समझ लेना चाहिए कि भले वह केंद्रीय उपक्रम है लेकिन प्रदेश का नियम कानून माने बगैर चलाना मुश्किल होगा। यहां के लोगों को रोजगार देना होगा। इसके बाद ही काम करना होगा।

    कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बोकारो जिला सचिव जय नारायण महतो जिला कोषाध्यक्ष अशोक मुर्मू , फिरदोस अंसारी, जय झारखंड मजदूर समाज के बीके चौधरी, जिला उपाध्यक्ष मोहन मुर्मू , दिलीप मुर्मू, मनोहर मुर्मू, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष राधानाथ सोरेन , चास महानगर अध्यक्ष आलोक सिंह , जिला प्रवक्ता मदन मोहन महतो , निवारण दीगर, छात्र मोर्चा के महेश मुंडा, मीडिया प्रभारी कन्हैया सिंह, अमित सोरेन, मुक्तेश्वर महतो, मिथुन मंडल, राकेश सिन्हा, दीपू सिंह, सुनील महतो, चंदू मुंडा, हरेराम पाण्डेय सहित अन्य उपस्थित थे।