झारखंड के गांवों में लगा 'अचार संहिता' नाम तो सुना है पर मतलब नहीं पता...यहां जानिए ऐसे ही शब्दावली के अर्थ
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले 9 अप्रैल को पूरे राज्य में त्रिस्तरीय चुनाव कराने की अधिघोषणा करते हुए तारीखों का ऐलान किया गया था। इसके साथ ही पूरे राज्य के नगर निकायों के इलाकों को छोड़कर आर्दश आचार संहिता लागू हो गई थी।

जागरण संवाददाता, धनबाद: राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले 9 अप्रैल को पूरे राज्य में त्रिस्तरीय चुनाव कराने की अधिघोषणा करते हुए तारीखों का ऐलान किया गया था। इसके साथ ही पूरे राज्य के नगर निकायों के इलाकों को छोड़कर आर्दश आचार संहिता लागू हो गई थी।
लेकिन कई लोगों में इसे लेकर अभी भी दुविधा बनी हुई है कि आखिर आदर्श आचार संहिता क्या है और किन क्षेत्रों में यह लागू होगा। ताे आइए हम आपकों आसान शब्दों में समझा रहे हैं कि कैसे आप चुनावी आर्दश संहिता के चाबुक से अपने को बचा सकते हैं।
गौरतलब है कि चार चरणों में होनेवाले झारखंड पंचायत चुनाव 14 मई से शुरू चुनाव होने वाले हैं। पहले चरण का मतदान 14 मई को तों दूसरे, तीसरे और चौथे चरण का मतदान क्रमश: 19, 24 और 27 मई को होगा।
ये हैं चुनाव आयोग के निर्देश
- कोई भी उम्मीदवार या राजनैतिक दल धार्मिक, संप्रदायिक या जातिगत भावना को ठेस पहुंचानेवाले या विद्वेष या तनाव पैदा करनेवाले काम ना करें।
- मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक, सांप्रदायिक, जातीय या भाषायी भावनाओं का सहारा नहीं लें।
- पूजा या उपासना के किसी स्थल जैसे कि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन प्रचार के लिए नहीं करें।
- किसी प्रत्याशी की आलोचना उसकी नीति और कार्यक्रम पूर्व इतिहास एवं कार्य तक ही सीमित रहनी चाहिए। उसका एवं उसके कार्यकर्ताओं की आलोचना असत्यापित आरोपों पर आधारित नहीं की जानी चाहिए। हर व्यक्ति के शांतिपूर्ण घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए, चाहे उसके विचार कैसे भी क्यों न हों।
- किसी व्यक्ति के कार्याें या विचारों का विरोध करने के लिए प्रत्याशी द्वारा ऐसे व्यक्ति के घर के सामने धरना, नारेबाजी, प्रदर्शन से बचना होगा।
- निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय से 48 घंटे पूर्व तक की अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति न तो सार्वजनिक सभा बुलाएगा, न ही आयोजित करेगा और न ही उसमें उपस्थित होगा।
मतदाताओं को रिश्वत या किसी प्रकार का इनाम देना भी अपराध माना जाएगा। मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने या ले जाने के लिए वाहनों का उपयोग करना, मतदान केंद्र में या उसके आसपास अमार्यादित आचरण या मतदान अधिकारियों के कार्य में बाधा डालना या उनसे अभद्र व्यवहार करना भ्ज्ञी दंडनीय हाेता है।
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