Jharkhand Foundation Day: रजत जयंती पर धनबाद डीसी बोले-भगवान बिरसा के आशीर्वाद से झारखंड दुनिया में चमकेगा
Birsa Munda Birth Anniversary Celebrated Today भगवान बिरसा मुंडा, जिन्हें धरती आबा भी कहा जाता है, एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और लोक नायक थे। उन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड में हुआ था। उन्होंने आदिवासी लोगों को उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए संगठित किया और 'उलगुलान' नामक विद्रोह का नेतृत्व किया। 3 मार्च 1900 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 9 जून को उनकी मृत्यु हो गई।

धनबाद के बैंक मोड़ में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते धनबाद के उपायुक्त आदित्य रंजन और अन्य।
जागरण संवाददाता, धनबाद। Jharkhand Foundation Day झारखंड आज (15 नवंबर) अपना रजत जयंती समारोह मना रहा है। 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग कर स्वतंत्र झारखंड राज्य का गठन किया गया था। राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश में गौरव और उत्साह का माहौल है।
इसी क्रम में धनबाद में आयोजित समारोह में उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से झारखंड आने वाले 25 वर्षों में दुनिया में अपना नाम रोशन करेगा। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर झारखंडवासियों की भावनाओं, संघर्ष और आकांक्षाओं को एक साथ जोड़ता है।
शनिवार को बैंक मोड़ स्थित बिरसा चौक पर उपायुक्त आदित्य रंजन, वरीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वरीय पुलिस अधीक्षक आवास के बाहर स्थापित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया गया।
उपायुक्त ने जिलेवासियों को स्थापना दिवस और जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के बलिदान को हमेशा सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि झारखंड को शीर्ष पर ले जाने और आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करने के लिए सभी वर्ग एकजुट हों। उपायुक्त रंजन ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा भारतीय जनजातीय समाज के शौर्य, साहस, पराक्रम और बलिदान के प्रतीक हैं।
उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में उनके नेतृत्व ने सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन का नया अध्याय लिखा, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
झारखंड राज्य गठन : संक्षिप्त इतिहास
15 नवंबर 2000 को बिहार राज्य के विभाजन के बाद झारखंड का गठन किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने उसी अवधि में उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों का निर्माण भी किया था।
राज्य गठन के बाद भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बने, जबकि प्रभात कुमार राज्य के पहले राज्यपाल नियुक्त हुए। झारखंड हर वर्ष 15 नवंबर को अपना स्थापना दिवस भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के साथ मनाता है।

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