झारखंड में हेमंत सरकार और सीएम की पार्टी झामुमो पर दबाव बना 2024 के लिए फील्डिंग सजा रही भाजपा
खनन घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जनाक्रोश रैली के माध्यम से दबाव बनाकर भाजपा अपनी जमीन उर्वर करने एवं अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। गांव से शहर तक के अपने कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों को गोलबंद करने में पार्टी सफल रही है।

धनबाद [दिलीप सिन्हा]: खनन घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जनाक्रोश रैली के माध्यम से दबाव बनाकर भाजपा अपनी जमीन उर्वर करने एवं अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। गांव से शहर तक के अपने कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों को गोलबंद करने में पार्टी सफल रही है।
इस रैली की विशेषता यह रही कि इस बार शहर के साथ-साथ गांव की भी बड़ी भागीदारी रही। गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग रैली में शामिल होने खुलकर निकले। कुल मिलाकर मिशन 2024 के लिए पार्टी ने फिल्डिंग सजा दी है। धनबाद जिले की बात करें तो यहां झामुमो की गुटबाजी एवं कांग्रेस की कमजोरी का भाजपा भरपूर फायदा उठा रही है। आक्रामक तेवर दिखाकर पार्टी यह संदेश देने में सफल रही है कि आने वाले चुनाव में वह आसानी से कांग्रेस-झामुमो-राजद महागठबंधन को उखाड़कर फेंक देगी। यही कारण है कि जनाक्रोश रैली में समर्थक एवं कैडर उत्साह से लबालब नजर आ रहे थे।
भाजपा ने झारखंड के अपने तमाम बड़े-बड़े नेताओं को इस रैली में उतार दिया है। धनबाद की रैली को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, गिरिडीह की रैली को विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी एवं कोडरमा की रैली को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने मुख्य रूप से संबोधित किया।
रैली के एजेंडे में 1932 का खतियान और ओबीसी आरक्षण शामिल नहीं
भाजपा के बड़े नेता जनता के बीच यह संदेश दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं उनके मंत्री व अधिकारी भ्रष्टाचार में शामिल हैं। रैली में पार्टी के नेता भ्रष्टाचार एवं विधि व्यवस्था को लेकर हेमंत सरकार की मजबूत घेराबंदी कर रहे हैं। हेमंत सरकार ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति तय एवं 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का प्रस्ताव पारित कर भाजपा पर जबरदस्त दबाव बनाया था। यह दबाव ही था कि भाजपा एवं उसकी सहयोगी पार्टी आजसू इन दोनों मुद्दों का विरोध नहीं कर पा रही है। जनाक्रोश रैली के माध्यम से भाजपा यह दबाव कम करने में जरूर सफल हुई है। रैली में भाजपा के एजेंडे में 1932 खतियान और ओबीसी आरक्षण नहीं है। रघुवर दास हों या फिर बाबूलाल मरांडी, सभी इस मुद्दे पर बोलने से परहेज करते हैं।
विदित हो कि भ्रष्टाचार एवं विधि व्यवस्था को लेकर भाजपा ने हेमंत सरकार के खिलाफ राज्यभर में आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। पार्टी ने पहले झारखंड के सभी प्रखंडों में रैली निकाली। इसके बाद जिला मुख्यालयों पर रैली निकाली जा रही है।
इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बताते हैं कि हेमंत सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और विधि व्यवस्था को लेकर राज्य की जनता में भारी आक्रोश है। किसी भी सरकारी कार्यालय में बिना पैसा दिए कोई काम नहीं हो रहा है। जनता त्रस्त हो चुकी है। इस कारण, इस सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती है। भाजपा जनभावना को देखते हुए इस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी है।
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