Dhanbad Municipal Election: संतान नियम से बदला समीकरण, बहू बाहर; सास फिर से मेयर की रेस में
झारखंड निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए संतान संबंधी नए नियम जारी किए हैं, जिसके अनुसार दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवार अयोग्य होंगे। धनबाद में, आसनी सिंह के चुनाव से बाहर होने के बाद उनकी सास इंदू देवी मेयर पद की दौड़ में शामिल हो सकती हैं। उम्मीदवारों को स्वघोषणा पत्र देना अनिवार्य होगा। आयोग पहली बार सभी नगर निकायों में एक साथ चुनाव कराएगा, जिससे चुनावी माहौल गरमा गया है।

पूर्व मेयर इंदु देवी अपनी बहू आसनी सिंह के साथ। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग की ओर से सभी जिलों को भेजे गए निर्देश के अनुसार, झारखंड में नगर निकाय चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों पर दो से अधिक संतान न होने की शर्त लागू होगी।
नियमों के मुताबिक ऐसे उम्मीदवार जिनकी दो से अधिक संतान हैं और जिनकी अंतिम संतान का जन्म 9 फरवरी 2013 के बाद हुआ है, वे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माने जाएंगे। आयोग के इस ताजा निर्देश से विभिन्न जिलों में चुनावी समीकरण बदलने लगे हैं।
धनबाद नगर निगम चुनाव का परिदृश्य भी इस फैसले से प्रभावित हुआ है। मेयर पद की दावेदार मानी जा रहीं आसनी सिंह अब चुनाव मैदान से बाहर होती दिख रही हैं। बताया जाता है कि दो से अधिक संतान की वजह से वे नामांकन दाखिल नहीं कर पाएंगी। इसी के चलते अब एक बार फिर उनके परिवार में से इंदू देवी मेयर पद की संभावित उम्मीदवार होंगी। इंदू देवी 2010 में धनबाद नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं।
निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि उम्मीदवार तभी अयोग्य होंगे, जब उनकी संतान की संख्या 9 फरवरी 2013 के बाद बढ़ी हो। यदि किसी उम्मीदवार के दो से अधिक बच्चे उक्त तिथि से पहले ही थे और इसके बाद कोई नई संतान नहीं हुई, तो वह चुनाव लड़ने के योग्य रहेगा।
निर्देश में यह भी उल्लेख है कि गोद ली गई संतान और जुड़वा बच्चों की संख्या को भी कुल संतान में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ यह स्वघोषणापत्र देना अनिवार्य होगा कि उनकी दो से अधिक संतान नहीं हैं। शपथ पत्र में गलत सूचना देने पर उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया जाएगा।
आयोग ने झारखंड नगरपालिका अधिनियम, 2011 के तहत पहली बार राज्य के सभी नगर निकायों में एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे प्रशासनिक तैयारी और चुनावी योजना को एकरूपता मिलेगी।
उधर, मेयर का पद सामान्य होने की जानकारी मिलने के बाद आसनी सिंह चुनाव की तैयारी में सक्रिय हो गई थीं। राजनीति के सबसे प्रभावशाली घरानों में से एक सिंह मैंशन से उनका संबंध है। वे झरिया के पूर्व विधायक दिवंगत सूरजदेव सिंह के भाई और धनबाद के चर्चित नेता रामधीर सिंह की पुत्रवधू हैं।रामधीर सिंह इस समय रांची स्थित होटवार जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। वहीं, आसनी सिंह के पति शशि सिंह सुरेश सिंह हत्याकांड में फरार बताए जाते हैं।
चुनावी नियमों के बदलने के बाद जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी गई तो आसनी सिंह ने साफ कहा कि अब उनकी सास इंदू देवी मेयर का चुनाव लड़ेंगी। नए समीकरणों के साथ धनबाद नगर निगम चुनाव में एक बार फिर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा रोचक हो गई है।

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