Jharkhand Home Guard Scam: आरोप लगाने वाला कंपनी कमांडर बर्खास्त, विभाग की 'दोहरी नीति' पर उठे सवाल
झारखंड होम गार्ड विभाग में घोटाले का आरोप लगाने वाले कंपनी कमांडर को बर्खास्त कर दिया गया है। इस घटना से विभाग की 'दोहरी नीति' पर सवाल उठ रहे हैं। एक तरफ आरोप लगाने वाले को बर्खास्त किया गया है, वहीं दूसरी तरफ घोटाले में शामिल लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है।

झारखंड होम गार्ड
जागरण संवाददाता, धनबाद। गृहरक्षा वाहिनी झारखंड में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने और पैसों के लेने देने को लेकर उठे विवाद पर विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है। आरोप लगाने वाले कंपनी कमांडर को बर्खास्त कर दिया गया है। आरोपितों को स्पष्टीकरण जारी किया गया है। इसी कार्रवाई को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।
राज्य भर के होमगार्ड जवानों ने इसे एकतरफा कार्रवाई बताई है तो जवानों से जुड़ा एसोसिएशन इसे विभाग के दो रूपों के तौर पर देख रहा है। एसोसिएशन का मानना है कि आरोप लगाने वाले को बर्खास्त किया गया है तो आरोपितों को केवल स्पष्टीकरण क्यों किया गया।
एक ही कमांडर पर दो बार कार्रवाई
झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने बताया कि भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले कंपनी कमांडर कैलाश प्रसाद यादव को बर्खास्त किया गया है। उन पर एक ही आरोप के लिए दो बार कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में कैलाश प्रसाद पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। इस मामले में जांच हुई और फिर विभागीय कार्रवाई को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद जब कैलाश ने वाहिनी के चार कर्मचारियों पर पैसा लेने का आरोप लगाया तो पुरानी संचिका को आधार बनाकर उन्हें बर्खास्त किया गया है। यह पूरी तरह से गलत है।
आरोपितों को केवल स्पष्टीकरण
मुखर्जी ने कहा कि वाहिनी ने कार्रवाई करने के मामले में भी दोहरी नीति अपनाया है। आरोप लगाने वाले को बर्खास्त किया गया और जो आरोपित हैं उन्हें उनके पद से हटाते हुए स्पष्टीकरण किया गया है। इन सभी चार आरोपितों को भी बर्खास्त किया जाना चाहिए।
राज्य भर में कार्रवाई से रोष
झारखंड गृहरक्षा वाहिनी की तरफ से हुई उपरोक्त कार्रवाई को लेकर पूरे राज्य भर के जवानों में विभाग के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। सभी ने मामले को लेकर अपना विरोध जताया है।
यह है मामला
कोडरमा के कंपनी कमांडर कैलाश प्रसाद यादव ने झारखंड गृहरक्षा वाहिनी के स्थापना शाखा प्रभारी अनुज कुमार, डीआइजी गोपनीय रीडर सूरज प्रकाश सिंह, होमगार्ड डीजी रीडर दीपक पुंज और ओटीडी शाखा प्रभारी संजय सिंह पर पैसों का लेने देने करने का आरोप लगाया था।
यादव के अनुसार उन्होंने आरोपितों को कुल 35 हजार रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया। इसी मामले को कैलाश प्रसाद ने उजागर कर दिया। इसके बाद यादव को बर्खास्त कर दिया गया और अन्य को स्पष्टीकरण किया गया।

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