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    SNMMCH के जिंदगी और मौत के वार्ड में घूमता सियार, झारखंड हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

    By Mohan Kumar Gope Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 10:14 AM (IST)

    Jackal Entering SNMMCH Dhanbad ICU: धनबाद के SNMMCH अस्पताल के आइसीयू में सियार घुसने की घटना पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस घटना ने अस्पताल में भर्ती मरीजों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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    एसएनएमएमसीएच धनबाद के आइसीयू में घूमता सियार। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता धनबाद। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) के सर्जिकल आइसीयू में सियार घुसने के मामले को हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने मामले को गंभीर बताई और इसके जांच के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अुप मुख्य सचिव समेत अन्य पदाधिकारी को मामले को जांच करने को कहा है।

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    सर्जिकल आइसीयू जैसे जगह पर बाहरी जानवर के घुसने को हाई कोर्ट ने गंभीर मामला बताया है। ज्ञात हो कि 17 नवंबर की देर रात सर्जिकल आइसीयू में एक सियार घुस गया था। सियार यहां चुप कर बैठा हुआ था, जबकि सर्जिकल इस में लगभग 7 अति गंभीर मरीज अपने बेड पर भर्ती थे। कुछ तीमारदार और कर्मियों ने जब हो हल्ला किया, तो सियार निकाल कर भाग। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ। 

    हाई कोर्ट के निर्देश पर जिला प्रशासन रेस हुआ। भवन प्रमंडल विभाग की एक टीम मंगलवार को मेडिकल कालेज पहुंची और यहां चारदीवारी का जायजा लिया। सियार यहां कैसे घुसा, अस्पताल के एंट्री प्वाइंट कहां-कहां है, किस जगह पर दीवार टूटी हुई है। इन सभी का आकलन किया गया।

    अस्पताल के पीछे वाले भाग पर कई जगहों पर दीवार टूटा मिला। अब यहां पर भवन प्रमंडल विभाग की ओर से मजबूत चारदीवारी और कल्वर्ट बनाया जाएगा। बीच में एक तालाब भी है, इसके ऊपर कल्वर्ट बनाने की योजना है।

    तमाम बंदिशें के बावजूद अस्पताल परिसर के अंदर में हर दिन बाजार लगता है। यहां पर खाने-पीने की चीजें, खिलौने समेत अन्य दुकान सजाते हैं। शाम होते ही ठेला-खोमचा की ओर से काफी मात्रा में जूठन आसपास फेंक दिया जा रहा है।

    इसी जूठन को खाने के लिए बाहरी जानवर अस्पताल परिसर में घूम रहे हैं। इसमें गाय-भैंस, कुत्ता तो घुमते हीं हैं, अब सियार भी दिख रहे हैं। कई बार अस्पताल प्रबंधन की ओर से ठेला-खोमचा पर रोक लगाया गया, लेकिन बाद में फिर स्थिति जस की तस हो जा रही है।

    इससे पहले काफी संख्या में भैंस भी अस्पताल परिसर में घुस रहे हैं। हर दिन यहां आकर भैंस घास खा रही है। इमरजेंसी के रास्ते ही भैंस विचरण कर रहे हैं। ऐसे में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भी परेशानी हो रही है।