Toxic Gas Leak से दो की माैत के बाद झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी हालात का लिया जायजा, जनसहमति से ही विस्थापन का दिया आश्वासन
Dhanbad Toxic Gas Leak: धनबाद के केंदुआ में जहरीली गैस रिसाव के कारण दो महिलाओं की मौत हो गई, जिसके बाद झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी ने घटनास्थल का ...और पढ़ें

झारखंड के मुख्य सचिव अविनाश कुमार और डीजीपी तदाशा मिश्रा केंदुआडीह में जहरीली गैस रिसाव की जानकारी लेते।
जागरण संवाददाता, धनबाद। केंदुआ में जहरीली गैस रिसाव की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। स्थिति खतरनाक है। विस्थापन और पुनर्वास को लेकर जो भी निर्णय होगा, उसमें आम लोगों को जोड़कर ही लिया जाएगा। यहां के लोगों का जीवन महत्वपूर्ण है। लोगों को बचाने के साथ-साथ उनकी आर्थिक और धार्मिक भावनाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। यह बातें राज्य के मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने शनिवार को केंदुआ में हुए गैस रिसाव कांड के घटना स्थल का दौरा करने के बाद कहीं।
उनके साथ राज्य की डीजीपी तदाशा मिश्रा, गृह सचिव वंदना डाडेल, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, सचिव सुनील कुमार और अरवा राजकमल केंदुआ पहुंचे थे। साथ ही उपायुक्त आदित्य रंजन, एसएसपी प्रभात कुमार, बीसीसीएल के सीएमडी मनोज अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि घटना की जानकारी लेने के लिए ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरी टीम को यहां भेजा है। लोगों की सुरक्षा और उनके पुनर्वास को लेकर जो भी निर्णय होंगे, उनमें जनसहमति जरूरी है। किसी को भी जबरन हटाया नहीं जा सकता।
तकनीकी टीम की सलाह को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लिया जाएगा। प्रयास किया जाएगा कि लोगों को कम से कम कठिनाई हो। लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी ताकत लगा रही है। लोगों को स्थानांतरित करने से पहले उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। घटना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनों लगातार संपर्क में हैं।
2000 पीपीएम से अधिक मिली गैस
मुख्य सचिव ने घटना स्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान तकनीकी टीम ने गैस की माप की, जिसमें 2000 पीपीएम से अधिक गैस का स्तर पाया गया। आईएसएम और सिंफर की तकनीकी टीम ने बताया कि जहरीली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड को खुले वातावरण में सीधे नहीं निकाला जा सकता। इसके प्रभाव को कम करने के लिए जमीन के अंदर नाइट्रोजन डाली जा रही है। क्षेत्र की लगातार थर्मल मैपिंग भी की जा रही है।
जमीन के अंदर बन रहा मिथेन
तकनीकी टीम ने मुख्य सचिव को बताया कि जमीन के अंदर मिथेन गैस भी बन रही है। जमीन के नीचे लगी आग के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो रही है। टीम ने चेतावनी दी कि यदि अचानक हवा का रास्ता खोला गया, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
मुख्य सचिव ने नहीं लगाया मास्क: मुख्य सचिव अविनाश कुमार के नेतृत्व में टीम सुबह करीब 10 बजे केंदुआ पहुंची। मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों के पहुंचते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें मास्क लगाने के लिए दिया, लेकिन उन्होंने मास्क नहीं लगाया। गृह सचिव और डीजीपी ने भी मास्क नहीं लगाया।
तीन दिसंबर को हुई थी घटना: केंदुआ के राजपूत बस्ती, मस्जिद मोहल्ला, बीसीसीएल महाप्रबंधक आवास, अतिथि भवन समेत आसपास के इलाकों में जहरीली गैस रिसाव की घटना तीन दिसंबर को हुई थी। घटना के पहले और दूसरे दिन एक-एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि 40 से अधिक लोग बीमार पड़ गए थे।
घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन और बीसीसीएल की ओर से लोगों के लिए राहत शिविर लगाए गए। मेडिकल कैंप की भी स्थापना की गई। उसी दिन से गैस रिसाव स्थल की भराई का काम किया जा रहा है, लेकिन अब तक गैस रिसाव कम नहीं हो सका है।

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