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    ED Raids बनाम राजनीतिक प्रतिक्रिया: काले धंधे को लेकर हंगामेदार होगा झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र, पक्ष-प्रतिपक्ष दोनों तैयार

    By Mritunjay PathakEdited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Mon, 01 Dec 2025 03:04 PM (IST)

    Jharkhand Assembly winter session: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र धनबाद में कोयला लूट और ईडी की छापेमारी के मुद्दे पर हंगामेदार रहने की संभावना है। विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है, खासकर कोयला लूट में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जाएंगे। 

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    झारखंड विधानसभा भवन। (फोटो जागरण)

    जागरण संवाददाता, धनबाद। Jharkhand Assembly winter session झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेगा। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की मंजूरी के बाद विधानसभा सचिवालय ने जारी औपबंधिक कार्यक्रम में कुल पांच कार्यदिवस निर्धारित किए हैं।

    सत्र शुरू होने से ठीक पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष की रणनीतिक बैठकों ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। इस बार कोयले के काले धंधे, ईडी की छापेमारी और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर सदन में तीखी बहस होने की पूरी संभावना है।

    धनबाद कोयलांचल में लगातार सामने आ रही कोयला चोरी की घटनाओं, खनन ठेकेदार एलबी सिंह के ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई और धनबाद पुलिस पर संरक्षण देने के आरोपों ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है।

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    21 नवंबर को झारखंड के 40 से अधिक स्थानों पर हुई ईडी की छापेमारी के बाद यह मुद्दा और उभरा है। भाजपा, हेमंत सोरेन सरकार पर कोयला तस्करी को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है, जबकि झामुमो एलबी सिंह के भाजपा नेताओं से संबंधों को मुद्दा बनाकर पलटवार कर रहा है। ऐसे में सत्र हंगामेदार रहने की पूरी उम्मीद है।

    सत्र के सुचारू संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो 4 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक करेंगे, जबकि एक दिन पहले वे अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा कर प्रशासनिक तैयारियों को अंतिम रूप देंगे। स्पीकर की प्राथमिकता होगी कि सदन में अधिक से अधिक जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो।

    इस सत्र में 8 दिसंबर को हेमंत सरकार वित्त वर्ष 2024-25 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी। चार दिनों तक प्रश्नकाल चलेगा, जिसमें विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। भाजपा सत्र को लेकर विशेष रूप से सक्रिय है। सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर जारी आरोप पत्र के आधार पर पार्टी सदन में आक्रामक तेवर दिखाने वाली है।

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने 7 दिसंबर को विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें अवैध कोयला कारोबार, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा होगी।

    पार्टी की कोशिश होगी कि अनुपूरक बजट पर बहस के दौरान सरकार के वित्तीय प्रबंधन और दावों पर सवाल उठाए जाएं। सत्ता पक्ष की तैयारियां भी तेज हैं। कांग्रेस ने 4 दिसंबर दोपहर ढाई बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।

    कांग्रेस प्रभारी के. राजू, विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश सहित सभी विधायक इसमें शामिल होंगे। बैठक में विपक्ष की संभावित रणनीति से निपटने, विभागीय तैयारियों की समीक्षा और गठबंधन में एकजुट आवाज बनाए रखने पर चर्चा होगी।

    उधर, सत्ता पक्ष की संयुक्त बैठक 4 दिसंबर को शाम साढ़े चार बजे एटीआई सभागार में होगी, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। इस बैठक में फ्लोर मैनेजमेंट, विपक्षी सवालों का जवाब, प्रश्नकाल में समन्वय और अनुपूरक बजट पारित कराने की रूपरेखा पर अंतिम मुहर लगेगी।

    झामुमो महासचिव विनोद पांडेय के अनुसार, मुख्यमंत्री का फोकस रहेगा कि पूरा गठबंधन सत्र के दौरान पूरी मजबूती और एकजुटता के साथ आए, ताकि विपक्ष को किसी मुद्दे पर मौका न मिले।