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    उम्मीदों का शहर Jharia Vihar Belgharia का पंचायत का दर्जा होगा खत्म, नगर निकाय बनाने की कवायद शुरू

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Sun, 10 Oct 2021 02:52 PM (IST)

    धनबाद में दो नगर निकाय पहले से ही हैं। एक धनबाद नगर निगम और दूसरा चिरकुंडा नगर परिषद। बेलगड़िया के नगर निकाय में शामिल हो जाने के बाद यह जिले का तीसरा नगर निकाय हो जाएगा। इसमें धनबाद नगर निगम राज्य का सबसे बड़ा नगर निकाय है।

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    झरिया विहार बेलगढ़िया टाउनशिप ( फाइल फोटो)।

    जागरण संवाददाता, धनबाद। झरिया अग्नि प्रभावित विस्थापितों के लिए बसाए जा रहे बेलगड़िया आवासीय कालोनी को नगर निकाय बनाने की तैयारी जिला प्रशासन कर रहा है। इसके लिए प्रक्रिया की शुरूआत करते हुए उपायुक्त संदीप सिंह ने बलियापुर अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। उपायुक्त के निर्देश के अनुसार अंचल अधिकारी और पंख्रड विकास पदाधिकारी इससे संबंधित प्रस्ताव को तैयार करेंगे। तत्पश्चात इस प्रस्ताव को संबंधित पंचायत समिति से सर्वसम्मति से पास करा करा कर जिला प्रशासन को देंगे। जिसे अनुमोदन के लिए नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा।

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    गौरतलब है कि जिले में दो नगर निकाय पहले से ही हैं। एक धनबाद नगर निगम और दूसरा चिरकुंडा नगर परिषद। बेलगड़िया के नगर निकाय में शामिल हो जाने के बाद यह जिले का तीसरा नगर निकाय हो जाएगा। इसमें धनबाद नगर निगम राज्य का सबसे बड़ा नगर निकाय है। वहीं चिरकुंडा को कुछ सालों पहले ही नगर पंचायत से नगर परिषद की श्रेणी में शामिल किया गया था। इसकी जानकारी देते हुए झरिया पुनर्वास और विकास प्राधिकार के प्रबंध निदेशक सह उपायुक्त संदीप सिंह ने बताया कि बेलगड़िया को विकास नगरीय इलाके के रूप में किया जा रहा है। इसलिए इसको नगर निकाय में शामिल कर लिए जाने के बाद इसके विकास के लिए ज्यादा राशि विभिन्न मदों में मिलने लगेगी। जिससे इस इलाके का विकास और बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। इसलिए बलियापुर अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी से बेलगड़िया आवासीय कालाेनी काे नगर निकाय में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।

    अधिकारियों को सारी प्रक्रिया पूरी कर पंचायत समिति से पास करवा कर प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया है। निर्देश के तहत प्रस्तावित नगर निकाय में शामिल करनेवाले पंचायताें की संख्या, राजस्व ग्रामाें का नाम, थाना संख्या, वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर कितनी आबादी रह रही है, नगर निकाय में शामिल इलाकाें का क्षेत्रफल, घनत्व, संबंधित राजस्व क्षेत्र से वार्षिक आमदनी, गैर कृषि कार्याें में संलग्न लाेगाें की संख्या से जुडृे आंकड़ों को शामिल कर प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। यह प्रस्ताव संबंधित क्षेत्र के पंचायत समिति से पारित हाेना जरूरी है।