झरिया में बारिश ने बढ़ाई अग्नि प्रभावितों क्षेत्रों की परेशानी, गैस रिसाव से लोगों का जीना हुआ मुश्किल
झरिया में बारिश के कारण अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गैस रिसाव से मोहरीबांध दुर्गापुर कुम्हार बस्ती घनुडीह हरिजन बस्ती और मल्लाह पट्टी के निवासियों का जीवन कठिन हो गया है। सर्वे के बाद भी कई परिवारों को विस्थापित नहीं किया गया है।

जागरण, तिसरा (झरिया)। बारिश ने अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। लगातार बारिश से जगह जगह गैस रिसाव से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।
बीसीसीएल के लोदना एरिया दस के मोहरीबांध, दुर्गापुर कुम्हार बस्ती व बास्ताकोला एरिया नौ के घनुडीह हरिजन बस्ती, मल्लाह पट्टी इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है।
दुर्गापुर कुम्हार बस्ती में 110 परिवार का सर्वे हो चुका है। सर्वे हुए लोगों को जेरेडा कार्ड भी दिया गया इसके बावजूद इन लोगों को विस्थापित नहीं किया जा रहा है।
यहां रह रहे लोगों का आवास जर्जर है। यहां के लोग विस्थापित होना चाहते है। इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा अभी तक आवास नही दिया गया।
वहीं दूसरी और मोहरीबांध में 325 परिवार का सर्वे हुआ है। जिसमें से मात्र 30 परिवार को आवास मिला है। 195 परिवार ऐसे हैं जो संवेदनशील इलाके में रह रहे है।
बीसीसीएल उन लोगों को शिफ्टिंग नहीं करवा रही है। बारिश होने के वजह से जहरीली गैस का रिसाव क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पास में संचालित आउटसोर्सिंग में हैवी ब्लास्टिंग से आवास में दरार व कंपन होता है।
बास्ताकोला एरिया नौ के घनुडीह हरिजन बस्ती व मल्लाह पट्टी भी भूमिगत आग की चपेट में है। हरिजन बस्ती में 80 परिवार का सर्वे हुआ है, जिसमें से मात्र 11 परिवार को आवास मिला है। 69 परिवार आज भी अग्नी प्रभावित क्षेत्र में रहने को मजबूर है।
वहीं जिन 11 परिवार को बेलगडिया में शिफ्टिंग कराने के बावजूद जर्जर होने की वजह से वह लोग वापस हरिजन बस्ती आ गए है। बेलगड़िया में मिले आवास में खिड़की दरवाजे नहीं है।
बिजली पानी का कनेक्शन भी नहीं दिया गया है। मल्लाह पट्टी में 10 घर का सर्वे हुआ है। जिसमें पांच परिवार को आवास मिला है। बाकी पांच परिवार जहरीली गैस के बीच रहने को विवश है।
हादसा का इंतजार में है प्रबंधन
स्थानीय लोगों ने कहा कि अग्नि प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से कई बार बीसीसीएल से शिफ्टिंग करवाने की मांग की गई है। लेकिन बीसीसीएल के द्वारा केवल आश्वासन दिया जा रहा है, जिससे लोगों में बीसीसीएल के खिलाफ रोष है।
अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों ने बीसीसीएल के ऊपर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। लोगों ने कहा कि करमाटांड़ व बेलगड़िया में जिन लोगों बसाया गया वहा समुचित व्यवस्था नहीं दिया गया।
आज भी वहां के विस्थापित रोजगार, बिजली, पानी, साफ सफाई, जर्जर आवास की मरम्मत का दंश झेल रहे है। जर्जर स्थिति में रह रहे विस्थापितों के लिए जिंदगी हर दिन एक जंग है।
दो दो बार सर्वे हुआ है। जेरेडा कार्ड भी मिला है। हमलोग विस्थापित होना चाहते है। लेकिन बीसीसीएल हमलोगों को विस्थापित नही कर रहा है।बारिश में जीना दुश्वार हो जाता है। -मुनेश्वर प्रसाद, चालक, घनुडीह दुर्गापुर निवासी।
हमलोगों का आवास जर्जर हो चुका है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बीसीसीएल सर्वे करके छोड़ दिया है। बारिश होने से क्षेत्र में जहरीले गैस का सामना करना पड़ता है। -मीना देवी, कुम्हार, कुम्हार पट्टी निवासी
आवास आवंटन जेआरडीए का मामला है। सर्वे तो हुआ है। संभावना है इस माह के अंत तक विभागीय मंत्री का आगमन क्षेत्र में होना है। जिसके बाद ही शिफ्टिंग प्रक्रिया शुरू हो सकता है। -संजीव कश्यप, परियोजना पदाधिकारी, एनटी/एसटी।
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