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    अटल जयंती विशेष: जब वाजपेयी ने झंडा झुकने पर युवा कार्यकर्ता को लगाई थी फटकार, पढ़ें उनसे जुड़े अनसुने किस्से

    By Dileep Kumar SinhaEdited By: Nirmal Pareek
    Updated: Sun, 25 Dec 2022 09:05 AM (IST)

    भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 98वीं जयंती है इस मौके पर उनके साथ काम कर चुके अरूण झा उनसे जुड़ा एक किस्सा सुना रहे हैं। जन्मदिन पर उन्होंने इस पुरानी बात को जागरण के साथ साझा किया है।

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    धनबाद में वर्ष 1987 में सांसदों व विधायकों के प्रशिक्षण शिविर के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के साथ समरेश सिंह

    दिलीप सिन्हा, धनबाद: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 98वीं जयंती है, इस मौके पर हम उनके अनसुने किस्से आपके सामने ला रहे हैं। इसी कड़ी में उनके साथ काम कर चुके अरूण झा उनसे जुड़ा एक किस्सा सुना रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उन्होंने इस पुरानी बात को जागरण के साथ साझा किया है।

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    वाजपेयी की नसीहत को आज भी नहीं भूले

    बात 1986 की है। बोकारो समेत कई सीटों पर विधानसभा उप चुनाव था। चुनावी सभा को संबोधित करने अटल बिहारी वाजपेयी गंगा दामोदर एक्सप्रेस से पटना से धनबाद पहुंचे थे। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर तीन पर भाजपा के कार्यकर्ता उनके स्वागत में कतारबद्ध थे। इनमें भाजपा के नगर अध्यक्ष अरूण कुमार झा भी शामिल थे। कार्यकर्ताओं में वाजपेयी की एक झलक पाने को लेकर अभूतपूर्व उत्साह था। वाजपेयी एक-एक कर कतारबद्ध कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे। इसी क्रम में वह अरूण झा के पास पहुंचे। युवा अरूण कुमार झा अपने को रोक नहीं सके और अभिवादन करने वह झुके। इससे उनके हाथ में जो भाजपा का झंडा था, वह भी झुक गया। झंडे को झुकते देख वाजपेयी नाराज हो गए। उन्होंने झिड़की देते हुए अरूण झा से कहा कि झंडा झुकाकर प्रणाम करना जरूरी नहीं है। तब तक निर्मल चटर्जी भी वाजपेयी के पास पहुंच गए और बताया कि युवा कार्यकर्ता है। वाजपेयी ने अरूण झा से कहा कि पार्टी के झंडे को कभी झुकने नहीं देना। अरूण झा अब 73 वर्ष के हैं। आज भी वह वाजपेयी की नसीहत को नहीं भूले हैं।

    इनके नाम से ही हजारों लोग सुनने आ जाते थे

    इसके बाद रेलवे स्टेशन से बाहर निकलकर वाजपेयी ने लोगों को संबोधित किया था। यह कोई आयोजित सभा नहीं थी। हजारों लोग वाजपेयी के नाम पर वहां जुट गए थे। लोगों के आग्रह पर वाजपेयी ने करीब दस मिनट तक वहां संबोधित किया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र कुमार ने बताया कि 84 में लोकसभा का चुनाव था। प्रत्याशी समरेश सिंह के पक्ष में वाजपेयी ने कोहिनूर मैदान में सभा की थी। इस सभा में उनकी उपस्थिति में मुझे भी भाषण देने का मौका मिला था। 87 में यहां राजकमल स्कूल में भाजपा के सांसदों-विधायकों का प्रशिक्षण शिविर था। इस शिविर में वाजपेयी मुख्य अतिथि थे। इसकी व्यवस्था से मैं भी जुड़ा था। 96 में कोहिनूर मैदान में रीता वर्मा के समर्थन में वाजपेयी ने चुनावी सभा को संबोधित किया था। इसका संचालन मैंने किया था।

    धनबाद में जनसंघ को मजबूत किया

    यहां हम आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को धनबाद से विशेष लगाव था। उनकी ही रणनीति पर कांग्रेस एवं वामपंथियों के इस गढ़ को ध्वस्त कर पहले जनसंघ और बाद में भाजपा यहां परचम लहरा सकी थी। छात्र नेता रहे हरि प्रकाश लाटा के अनुसार वाजपेयी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता था। 1971 में वह झरिया में जनसंघ के तत्कालीन जिलाध्यक्ष डा. गौतम की छत पर बैठक कर रहे थे। तब वाजपेयी को सुनने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े थे। छत से ही उन्होंने लोगों को संबोधित किया था। उस समय वाजपेयी अपने भाषण से लोगों के दिलों में बस जाते थे।

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