65 कोल कर्मियों की जान बचाने वाले जसवंत की कैप्सूल का मॉडल दिखेगा आइआइटी आइएसएम में
रियल लाइफ के सुपर हीरो रहे जसवंत सिंह गिल का बनाया हुआ कैप्सूल आइआइटी आइएसएम में दिखेगा। आइआइटी आइएसएम उस पूरे कैप्सूल का मॉडल तैयार करेगा जिसे तैयार ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, धनबाद: रियल लाइफ के सुपर हीरो रहे जसवंत सिंह गिल का बनाया हुआ कैप्सूल आइआइटी आइएसएम में दिखेगा। आइआइटी आइएसएम उस पूरे कैप्सूल का मॉडल तैयार करेगा जिसे तैयार कर जसवंत सिंह गिल ने हजारों लोगों की जिंदगी को बचाया था। आइआइटी धनबाद जसवंत सिंह गिल के द्वारा बनाए गए कैप्सूल को बनाने का डिजाइन तैयार कर रहा है। जल्द ही इसका पूरा प्रारूप तैयार कर उसे कैंपस में रखा जाएगा। आइआइटी धनबाद के उपनिदेशक प्रो. शालीवाहन ने बताया कि पूर्ववर्ती छात्र जसवंत सिंह गिल का कैप्सूल मॉडल देश और दुनियां के लिए नजीर है। उन्होंने कैप्सुल को कैसे तैयार किया था। इसके माध्यम से किस प्रकार लोगों की जानें बचाई गई थी। इसकी जानकारी विशेषज्ञों के साथ-साथ् आम लोगों को भी होनी चाहिए। कैप्सूल का मॉडल तैयार कर आइएसएम अपने पूर्ववर्ती छात्र के यादगार चीज को धरोहर के रूप में रखेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही मॉडल को तैयार करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बताते चले कि जसवंत सिंह गिल की याद में आइआइटी आईएसएम ने औद्योगिक सुरक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार देने की घोषणा कर चुका है। इसके तहत आइआइटी की ओर से भारतीय नागरिकों के लिए इंडस्ट्रियल सेफ्टी एक्सीलेंस अवार्ड दिया जाएगा। अपने पूर्ववर्ती छात्र जसवंत सिंह गिल के नाम से यह इंडस्ट्रियल सेफ्टी अवार्ड दिया जाएगा। वर्ष 2020 से ही यह अवार्ड देने की घोषणा की गई है।
कौन हैं जसवंत सिंह गिल
1965 बैच के पूर्ववर्ती छात्र जसवंस सिंह गिल ने 13 नवंबर 1989 में ईसीएल की महावीर कोलियरी में 65 कोयलाकर्मियों की जान स्टील का कैप्सूल बनाकर बचाई थी। उस समय वे एडिशनल चीफ माइनिंग इंजीनियर थे। उन्हें भारत सरकार ने वर्ष 1991 में सर्वोत्तम जीवन रक्षक पदक से सम्मानित किया था। इस ऑपरेशन का उल्लेख सबसे बड़ा कोयला खदान बचाव अभियान में किया जाता है। इस कारण उन्हें कैप्सूल गिल भी कहा जाता है। वे बीसीसीएल से वर्ष 1998 में ईडी सेफ्टी एंड रेस्क्यू से रिटायर हुए। वर्ष 2019 में अमृतसर में उनका निधन हुआ। जसवंत सिंह गिल पर फिल्म अभिनेता अजय देवगन ने कैप्सूल मेन फिल्म बनाने की घोषणा की है।

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