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Beware of jamtara: किराए पर मोबाइल सिम लेकर वीआइपी को लूट रहे साइबर अपराधी, दाल नहीं गलने पर बकते गाली

साइबर अपराधी फर्जी कागजों के सहारे सिम लेते रहे हैं। अब पुलिस की सख्ती से उनको सिम का जुगाड़ करने में दिक्कत हो रही है। इसके बाद अपराधी ग्रामीणों को पैसे का लालच दे सीम ले रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 07:20 AM (IST)
Beware of jamtara: किराए पर मोबाइल सिम लेकर वीआइपी को लूट रहे साइबर अपराधी, दाल नहीं गलने पर बकते गाली
Beware of jamtara: किराए पर मोबाइल सिम लेकर वीआइपी को लूट रहे साइबर अपराधी, दाल नहीं गलने पर बकते गाली

जामताड़ा [ प्रमोद चौधरी ]। साइबर फ्रॉड के लिए देशभर में चर्चित जामताड़ा के अपराधी पुलिस से बचने के लिए नए-नए तरीके ढूंढते रहते हैं। सिम मिलने में होने वाली सख्ती का तोड़ उन्होंने ऐसे ढूंढा है कि ग्रामीणों से सिम भाड़े पर ले लो। पुलिस की निगाह से भी बचे रहेंगे और धंधा भी चलता रहेगा। कुछ हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही पुलिस को जो सुबूत हाथ लगे हैं उसके आधार पर इसका खुलासा किया है। ऐसा करने वाले एक अपराधी और सिम देने वाले एक ग्रामीण को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

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राज्यपाल के परिजन को धमकाया

जामताड़ा के करमाटांड़ से साइबर अपराधी अजय तूरी ने प्रदेश के एक न्यायिक पदाधिकारी के परिजन को फोन कर ठगने की कोशिश की। परिजन समझ गए तो उसकी दाल नहीं गली। तब वह धमकाने लगा। गंदी-गंदी गाली दी। इसी प्रकार नाला से अपराधी एस मंडल ने ठगी के लिए एक राज्य (झारखंड नहीं) के राज्यपाल के परिजन को फोन किया। उनके बैंक व एटीएम के गोपनीय नंबर लेने की कोशिश की। जब मंशा पूरी नहीं हुई तो उसने धमकी दी। इन दोनों घटनाओं की जानकारी जामताड़ा एसपी अंशुमान कुमार को मिली। वह नंबर भी उनको मिल गया जिससे कॉल हुई थी। इसके आधार पर करमाटांड़ के तिलैया से तूरी को दबोचा गया। दूसरे नंबर की छानबीन में पता चला कि वह नाला के अमलाजोरी के अमन राय के नाम से आवंटित है। पुलिस ने उसको पकड़ा तो उसने बताया कि यह नंबर उसने किराए पर उसने बगल के गांव के एस मंडल को दे रखा है। इसके एवज में चार से पांच हजार रुपये हर माह मिलते हैं। पुलिस अब मंडल की तलाश कर रही है। फिलहाल पुलिस ने अमन और अजय को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि दोनों मामलों में दर्ज प्राथमिकी में स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस-किस वीआइपी के परिजन को अपराधियों ने फोन किया था। दोनों को साइबर अपराध के मामले में जेल भेजा गया है।

 

साइबर पुलिस की सख्ती से नहीं ले पा रहे अपराधी सिम

अमूमन साइबर अपराधी फर्जी कागजों के सहारे सिम ले लेते हैं। अब साइबर पुलिस की सख्ती से उनको सिम का जुगाड़ करने में दिक्कत हो रही है। इसलिए वे ग्रामीणों को हर माह कुछ राशि देने का प्रलोभन देकर सिम ले रहे हैं। ऐसे काम के लिए कम पढ़े-लिखे और आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपराधियों के निशाने पर होते हैं।

ऑनलाइन साइबर ठगी की मंशा पूरी नहीं होने पर अपराधी दूसरे पक्ष को फोन पर धमकी भी दे रहे हैं। ऐसी शिकायत कई वीआइपी की तरफ से मिली है। कुछ मामले दूसरे राज्यों के हैं। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

-अंशुमान कुमार, एसपी, जामताड़ा।


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