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    Lok Sabha Election 2024: इस क्षेत्रीय दल ने चार सीटों पर उतारे प्रत्याशी, जानें किसे कहां से मिला टिकट

    Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड में जयराम महतो की पार्टी ने चार सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। खुद जयराम महतो गिरिडीह सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। रांची दुमका और धनबाद में भी अन्य तीन प्रत्याशियों के नामों का एलान किया है। जयराम महतो की पार्टी झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति ने धनबाद से मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया।

    By Ashish Singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sun, 14 Apr 2024 03:07 PM (IST)
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    Lok Sabha Election 2024: इस क्षेत्रीय दल ने चार सीटों पर उतारे प्रत्याशी, जानें किसे कहां से मिला टिकट

    जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति ने धनबाद, दुमका और रांची लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। धनबाद में मुस्लिम समुदाय के इकलाख अंसारी को उम्मीदवार बनाया गया है। जयराम महतो स्वयं गिरिडीह लोकसभा से चुनाव लड़ रहे हैं।

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    दुमका सीट से बेबीलता टुडू और रांची लोकसभा सीट से देवेंद्रनाथ महतो को टिकट दिया गया है। लोकसभा चुनाव में धनबाद की सीट चर्चा में है। भाजपा ने बाघमारा के विधायक ढुलू महतो को टिकट दिया है। कांग्रेस अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। इकलाख अंसारी धनबाद के गोविंदपुर के रहने वाले हैं।

    धनबाद से मुस्लिम प्रत्याशी बनाकर जयराम महतो ने बड़ा दांव लगाया है। धनबाद लोकसभा सीट झारखंड की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है। यहां 22 लाख से अधिक मतदाता हैं। यह भाजपा का गढ़ माना जाता है। अभी तक इस सीट पर 13 बार लोकसभा चुनाव हुआ और इसमें सात बार भाजपा विजयी रही है।

    तीन बार कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की और तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे। इस सीट पर मुस्लिम समुदाय के तीन लाख 37 हजार मतदाता हैं। यह कुल वोटरों का 15.9 प्रतिशत है।

    आखिरी बार फुरकान अंसारी बने थे सांसद

    राज्य गठन के पहली बार हुए चुनाव में 2004 में गोड्डा से कांग्रेस के टिकट पर फुरकान अंसारी जीतकर आए। आखिरी बार फुरकान ही राज्य से मुस्लिम नेता के तौर पर संसद भवन पहुंचे।

    इसके बाद से आज तक कोई भी झारखंड से मुस्लिम सांसद नहीं बना। 2009 और 2014 में फुरकान अंसारी एकमात्र नेता रहे, जिन्हें कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। दोनों बार वे सांसद निशिकांत दुबे से हार गए। 2019 में जब महागठबंधन के तहत विपक्षी दलों ने चुनाव लड़ा तो तब अंसारी को टिकट नहीं मिला।

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