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    ताश के पत्तों की तरह बिखर गया अमन सिंह का किला, पढ़ें गांव के एक साधारण से लड़के की शूटर बनने की कहानी

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 13 May 2022 08:24 AM (IST)

    अमन सिंह को जहां मई के दूसरे सप्‍ताह की शुरुआत में दुमका जेल शिफ्ट कर दिया गया वहीं अब अमन सिंह को संरक्षण देने के आरोप में जेल आइजी मनोज कुमार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जेलर अश्विनी तिवारी को सस्‍पेंड कर दिया है।

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    पुलिस जांच में अमन सिंह का मोबाइल नंबर जेल के अंदर सक्रिय पाया गया था।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: जेल में बैठकर दहशत का कारोबार चला रहे अमन सिंह का किला महज कुछ ही घंटों में ताश के पत्‍तों की तरह बिखर गया। जिले के कारोबारियों और अन्‍य लोगों की नाक में दम कर रखे शूटर अमन सिंह को जहां मई के दूसरे सप्‍ताह की शुरुआत में दुमका जेल शिफ्ट कर दिया गया, वहीं अब अमन सिंह को संरक्षण देने के आरोप में जेल आइजी मनोज कुमार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जेलर अश्विनी तिवारी को सस्‍पेंड कर दिया है। इधर, गृह विभाग को पत्र लिखकर जेल अधीक्षक अजय कुमार को धनबाद से हटाने की सिफारिश भी उन्‍होंने की है। जेल में बंद रहकर लोगों से रंगदारी मांगने और धमकी देने के मामले को आइजी ने दोनों अफसरों की घोर लापरवाही मानी।

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    मालूम हो कि इस संबंध में धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने जेल आइजी को पत्र लिखकर बताया था कि जेल से अमन सिंह खौफ का कारोबार चला रहा है और इसमें जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्‍ध है। इस मामले में गोविंदपुर थाना में सात मई को अमन सिंह, उसके दोनों भाई, पिता और ससुर सहित नौ लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी में जिक्र है कि अमन सिंह जेल के अंदर रहकर ही वर्चुअल नंबरों के जरिए फोन पर लोगों को रंगदारी के लिए धमका रहा था। पुलिस जांच में उसका मोबाइल नंबर भी जेल के अंदर सक्रिय पाया गया था।

    भाई अजय सिंह को पुलिस ने किया कोर्ट में पेश, गया जेल: डाक्टर, व्यवसायी व बिल्डर से रंगदारी मांग दहशत फैलाने वाले शूटर अमन सिंह पर नकेल कसने के लिए धनबाद पुलिस ने अमन के भाई, पिता, ससुर व सहयोगी के विरुद्ध गोविंदपुर थाने में सात मई को प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी गोविंदपुर इंस्पेक्टर की शिकायत पर दर्ज की गई है। वहीं उत्‍तर प्रदेश के आंबेडकर नगर से 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर लाए गए अमन सिंह के भाई अजय सिंह को पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। धनबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विवेक राज की अदालत ने अजय सिंह को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनमें अमन सिंह के अलावा वीर बहादुर सिंह, अजय सिंह, अमर सिंह (भाई), विवेक सिंह, छोटू ऊर्फ आशीष रंजन सिंह, उदयभान सिंह (पिता), सुरेंद्र प्रताप सिंह (ससुर) व सिम रिटेलर सिराजुद्दीन अहमद शामिल है।

    2010 में पहली बार जेल गया था अमन सिंह, आजमगढ़ के डाॅक्टर सरोज को मारी थी गोली: धनबाद नगर निगम के उप महापौर रहे नीरज सिंह की हत्या के बाद झारखंड की जेलों में पांच साल गुजार चुके अमन सिंह की धमकी के कारण डाॅक्टर समीर कुमार ने धनबाद शहर छोड़ दिया है। हालांकि डाॅक्टर को धमकी देना अमन सिंह के लिए नई बात नहीं है। उसके भाई अजय सिंह के स्वीकारोक्ति बयान को सही मानें तो इससे पहले यूपी के कुख्‍यात मुन्‍ना बजरंगी के कहने पर अमन सिंह ने 2015 में उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के अतरोलिया में डाॅक्टर सरोज पांडेय को गोली मारी थी। डाॅक्टर सरोज के पास पूरे आजमगढ़ से लोग इलाज कराने जाते थे। इस घटना के बाद अमन सिंह गिरफ्तार हुआ था। दो साल तक वह आजमगढ़ जेल में रहा था। जेल से बाहर निकला तो धनबाद में नीरज सिंह हत्याकांड को अंजाम दिया।

    अमन सिंह के भाई अजय सिंह के स्वीकारोक्ति बयान में अमन सिंह के बारे में कई ऐसी बातें सामने आई हैं जो चौंकानेवाली हैं। स्वीकारोक्ति बयान के मुताबिक, अमन सिंह मारपीट के केस में पहली बार 2010 में जेल गया था। उस समय गांव में ही दो गुटों के बीच हुई मारपीट में उसे फैजाबाद जेल भेजा गया था। इस जेल में उसकी मुलाकात उत्तर प्रदेश गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह और एक सिपाही अजय सिंह से हुई। जेल में रहने के दौरान कुछ ही दिनों में वह विधायक का खास बन गया। अमन इस केस में तीन माह के बाद जेल से बाहर आ गया, लेकिन इस दौरान सिपाही अजय सिंह को सुल्‍तानपुर जेल भेज दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद भी अमन सिंह सिपाही अजय सिंह से मिलने के लिए सुल्‍तानपुर जेल जाता रहा। उस वक्त सुल्‍तानपुर जेल में यूपी का हार्डकोर क्रिमिनल मुन्‍ना बजरंगी (अब मृत) व रिंकु सिंह भी बंद था। पहली बार अमन सिंह की मुलाकात मुन्‍ना बजरंगी से यहीं हुई थी।

    मुन्ना बजरंगी को खुश करने के लिए डाॅक्टर पर चलाई थी गोली, जेल में रहकर भी वारदात को दिया अंजाम: अमन के भाई अजय सिंह ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि अमन सिंह मुन्‍ना बजरंगी से मिलने के बाद उसके शूटर के रूप में काम करने लगा था। उसी के आदेश पर उसने 2015 में चर्चित डॉक्टर सरोज पांडेय पर गोली चलाई थी। दो साल तक इस मामले में जेल में रहने के बाद जब अमन बाहर आया तो उसने धनबाद जिले के चर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में शूटर की मुख्य भूमिका निभाई। इस मामले में वह हत्‍याकांड के करीब दो महीने बाद से ही धनबाद की जेल में बंद है। बताया जाता है कि अमन सिंह ने मिर्जापुर के प्रधान राजेश यादव की भी हत्या की थी। इसमें मुन्‍ना बजरंगी का खास रिंकु सिंह भी शामिल था। मालूम हो कि रिंकु सिंह ने ही नीरज हत्याकांड के लिए अमन सहित बाकी शूटरों को उपलब्ध कराया था।