हरित पहल के तहत पेट्रोल पंप कर्मचारियों को प्लास्टिक वेस्ट से बनी वर्दी पहनाएगा आइओसीएल
आईओसीएल के कार्यकारी निदेशक विभाष कुमार ने आइआइटी आइएसएम में आयोजित तीन दिवसीय 59वें रसायनज्ञों के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आईओसीएल के पेट्रोल पंप पर कार्यरत कर्मचारी जल्द ही प्लास्टिक की बोतलों से बनी वर्दी पहने नजर आएंगे।

जागरण संवाददाता, धनबाद: इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के पेट्रोल पंप पर कार्यरत कर्मचारी जल्द ही प्लास्टिक की बोतलों से बनी वर्दी पहने नजर आएंगे। आईओसीएल अपने अनुसंधान एवं विकास केंद्र फरीदाबाद में एक डीई बाटलिंग प्लांट स्थापित किया है। यहां प्लास्टिक की बोतलों को कपड़े में परिवर्तित किया जाएगा। आइओसीएल पेट्रोल पंपों के सभी कर्मचारियों को ऐसे कपड़े से बनी वर्दी प्रदान करने की योजना है।
आइआइटी आइएसएम में आयोजित तीन दिवसीय 59वें रसायनज्ञों के वार्षिक सम्मेलन आइओसीएल कार्यकारी निदेशक एवं बिहार-झारखंड के राज्य प्रमुख विभास कुमार ने यह बात कही।
रासायनिक विज्ञान में विकसित देश आज समृद्ध
विभास कुमार ने ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग, रासायनिक उत्पादों के डिजाइन में कंप्यूटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग और कार्बन कैप्चरिंग एवं सीक्वेस्ट्रेशन आदि पर भी चर्चा की। विभास कुमार ने रासायनिक विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंध का हर पहलू रासायनिक से प्रभावित होता है। जो देश रासायनिक विज्ञान में विकसित है वो समृद्ध हैं। उद्योगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती उत्पादन में स्थिरता बनाए रखना है और आइओसीएल का लक्ष्य 2046 तक कार्बन उत्सर्जन को लगभग खत्म करना है।
जाने-माने रासायन विशेषज्ञ हुए शामिल
आइआइटी आइएसएम धनबाद के पेनमैन आडिटोरियम में देशभर से रसायन विज्ञान के जाने-माने विशेषज्ञ शुक्रवार को एकत्रित हुए और कैंसर रोधी दवा के डिजाइन, विकास और नैनो सामग्री के लिए रसायन विज्ञान की प्रासंगिकता सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। यह आयोजन इंडियन केमिकल सोसाइटी कोलकाता और आइआइटी आइएसएम के रसायन विज्ञान एवं रासायनिक जीव विज्ञान विभाग की ओर से किया जा रहा है।
समाज की मजबूती के लिए करें दान
इंडियन केमिकल सोसाइटी के प्रेसिडेंट जीडी यादव ने रसायन विज्ञान और इंजीनियरिंग छात्रों के बीच केमिकल इंजीनियरिंग को लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। केमिस्ट्स और केमिकल इंजीनियरों से अपील की समाज की मजबूती के लिए उदारता से दान करें, जिसमें इसके बुनियादी ढांचे का विकास हो सके। हमें रासायनिक विज्ञान में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना चाहिए।
कार्बनडाइआक्साइड के किफायती उपयोग पर चर्चा
आइआइटी के निदेशक प्रो.राजीव शेखर ने समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने ने कार्बनडाइआक्साइड के किफायती अधिग्रहण और इसके उपयोग के तरीकों के लिए अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। हाइड्रोजन के परिवहन में कठिनाइयों का मुद्दा उठाया। उन्होंने सुझाव दिया कि अमोनिया के माध्यम से कुछ हद तक इसे हल किया जा सकता है। डीन आरएंडडी प्रो.सागर पाल ने अपने संबोधन में आइआइटी में अन्य सुविधाओं पर शोध का विवरण दिया।

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