अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार
संवाद सहयोगी मैथन निरसा एसडीपीओ विजय कुशवाहा के नेतृत्व में मैथन ओपी की पुलिस ने एक बड़ ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, मैथन: निरसा एसडीपीओ विजय कुशवाहा के नेतृत्व में मैथन ओपी की पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। एसडीपीओ विजय कुशवाहा, निरसा इंस्पेक्टर संतोष कुमार व मैथन ओपी प्रभारी माइकल कोड़ा ने बताया कि 17 दिसंबर को यूको बैंक मैथन के शाखा प्रबंधक अभय विकास ने मैथन पुलिस से शिकायत की थी कि निरसा के न्यू भमाल निवासी सतीश यादव, बिहार के जमुई निवासी रमेश कुमार उर्फ ललन यादव और उनकी पत्नी पूनम कुमारी उर्फ अनिता कुमारी व निरसा के पिठाकियारी निवासी संदीप कुमार उर्फ रवि कुमार यादव ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाकर बैंक में खाता खुलवाया। एक साल में 20 लाख से भी अधिक का संदिग्ध लेनदेन इस खाते से किया गया है। शिकायत मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
मैथन ओपी की पुलिस ने जगह-जगह छापेमारी कर नामजद ललन यादव, सतीश यादव व संदीप कुमार को गिरफ्तार किया। मुख्य मास्टरमाइंड रमेश कुमार उर्फ ललन यादव है जो जमुई के सिकंदरपुर का रहने वाला है। इसके पास से एक लैपटॉप, एक बायोमेट्रिक मशीन, दो मोबाइल, 12 आधार कार्ड, चार पैन कार्ड, पांच पासबुक, चार चेक बुक, एवं छह एटीएम कार्ड भी जब्त किया गया है। पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया है। एसडीपीओ ने बताया कि सभी ने फर्जी तरीके से खाता खुलवा कर पैसे के लेनदेन की बात स्वीकार की है। इनलोगों ने यूको बैंक के अलावा भी अन्य बैंकों में इसी तरह का कार्य किया है। उसकी छानबीन की जा रही है।
छापेमारी में एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा, निरसा इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह, मैथन ओपी प्रभारी माइकल कोड़ा, अजय कुमार सिंह सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल थे।
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गुगल क्रोम से डुप्लीकेट आधार व पैन कार्ड बना खुलवाते थे खाता
पुलिस अनुसंधान व स्वीकारोक्ति बयान से स्पष्ट हुआ है कि ललन यादव व सुनीता कुमारी के साथ मिलकर सतीश यादव व रवि कुमार फर्जी पासबुक व एटीएम कार्ड साइबर क्राइम करनेवालों को उपलब्ध कराते थे। बदले में इन्हें पैसा मिलता था। फर्जी तरीके से खाता खुलवाने के लिए ललन यादव गुगल क्रोम से डुप्लीकेट आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाकर अपने अन्य साथियों को उपलब्ध करवाता था। अब तक यूको बैंक मैथन में इनलोगों के खातों में 20 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हो चुका है। पुलिस अन्य लोगों की संलिप्तता व ट्रांजेक्शन के बारे में अनुसंधान कर रही है।

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