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    International Yoga Day 2021: ऑनलाइन योगा प्रशिक्षण शिविर में सिखाया गया भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन; जानिए इसके फायदे

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Tue, 15 Jun 2021 09:32 AM (IST)

    अर्ध उष्‍ट्रासन को अंग्रेजी में हाफ कैमल पोज कहा जाता है। अर्ध उष्‍ट्रासन तीन शब्दों से मिलकर बना है अर्ध उष्ट् और आसन। अर्ध का अर्थ होता है आधा उष्ट् यानी ऊँट और आसन अर्थात योग मुद्रा। अर्ध उष्‍ट्रासन को नियमित करने से कमर में लचीलापन आता है।

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    भद्रासन का अभ्यास करते बच्चे ( फोटो जागरण)।

    धनबाद, जेएनएन। धनबाद जिला योग संघ की ओर से आयोजित ऑनलाइन योग प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन बैठकर किए जाने वाले भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन का प्रशिक्षण संदीप साव ने दिया। प्रशिक्षण के दौरान भाग लेने वाले प्रशिक्षक शशिकांत पांडे, ब्रह्मदेव यादव, दिनेश यादव, राहुल आनंद, अजय कुमार सिंह, अमित कुमार, विष्णु शंकर उपाध्याय, श्वेता आर्य, कुसुम महतो, प्रीति महतो, पिंकी सिंह, कविता कुमारी, दीपक कुमार, नंदलाल रजक, मुरारी वर्णवाल, सुंदर वर्णवाल, नवीन कुमार, दीपिका, तनवीर अहमद, अंकिता शर्मा ने प्रशिक्षण लिया। इस अवसर पर संघ के वरीय उपाध्यक्ष भवानी बंदोपाध्याय पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहे। यह जानकारी संघ के महासचिव शशिकांत पांडे ने दी।

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    भद्रासन के लाभ - पैरों को मजबूत बनाता है

    भद्रासन संस्कृत शब्द भद्र से निकला है। इसका मतलब होता है सज्जनता या शालीनता। यह आसन बहुत सारे रोगों को नष्ट करने में सहायक पीएम नरेंद्र मोदीहै। पीएम नरेंद्र मोदी भी कहते हैं कि भद्रासन करने से शरीर सुदृढ़, स्थिर और मजबूत बनता है। भद्रासन योग को अंग्रेजी में 'ग्रेसिऑस पोज' भी कहते हैं। इसके अभ्यास से आप कमर दर्द से निजात पा सकते हैं। भद्रासन रीढ़ की हड्डी के लिए लाभदायक आसन है। शरीर को सुंदर बनाने में मदद करता है। यह आपकी एकाग्रता बढ़ाते हुए दिमाग को तेज करने में मदद करता है। पैरों को मजबूत बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से पाइल्स की समस्याएं से बच सकते हैं। भद्रासन एक ध्यानात्मक आसन है जो एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। एकाग्रता आंखों के लिए जरूरी है। यह फेफड़ों के लिए भी लाभकारी आसन है। इसके इलावे यह सिर दर्द, अनिद्रा, दमा, बवासीर, उल्टी, हिचकी, अतिसार आदि रोगों में लाभकारी है।

    वज्रासन के लाभ - पाचन तंत्र दुरुस्त रखता है

    सबसे आसान माने जानेवाले आसनों में से एक है वज्रासन। जितना आसान इस आसन को करना है, इसके फायदे उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। खासतौर पर यह आसन आज की युवा पीढ़ी के बहुत फायदेमंद है। हमारी युवा पीढ़ी या तो घंटों तक एक जगह बैठे रहनेवाला काम करती है या फिर घंटों तक एक जगह खड़े रहकर करनेवाले काम करते हैं। ऐसे में पैरों की मसल्स पर अतिरिक्त दबाव रहता है और रक्त प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता है। यह पाचन तंत्र दुरुस्त रखने से लेकर फिगर को मेंटेन रखने में भी मददगार है। वज्रासन करने से हमारा ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हार्ट पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं। शरीर सुडोल बनता है। वज्रासन से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। जो लोग बहुत अधिक मानसिक थकान से ग्रसित रहते हैं या मेंटल वर्क करते हैं, उन्हें यह आसन जरूर करना चाहिए। इससे दिमागी थकान दूर होती है और मूड फ्रेश होता है।

    अर्ध उष्‍ट्रासन के लाभ - रक्तस्त्राव बढ़ जाता, मांसपेशियां रही हैं स्वस्थ

    अर्ध उष्‍ट्रासन को अंग्रेजी में हाफ कैमल पोज कहा जाता है। अर्ध उष्‍ट्रासन तीन शब्दों से मिलकर बना है अर्ध, उष्ट् और आसन। अर्ध का अर्थ होता है आधा, उष्ट् यानी ऊँट और आसन अर्थात योग मुद्रा। अर्ध उष्‍ट्रासन को नियमित करने से कमर में लचीलापन आता है। इस आसन को बच्चे भी कर सकते है। यह आसन पाचन तंत्र के लिए भी बहुत अच्छा होता है। अर्ध उष्‍ट्रासन को करते रहने से रक्तस्त्राव बढ़ जाता है और मांसपेशियां स्वस्थ रहती है। यह आसन छाती के आकार और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही यह थायरॉयड ग्रंथि को भी उत्तेजित करता है।