दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन पर CMPFO दीवाना, 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा
Coal Mines Provident Fund Organization कोयला खान भविष्य निधि संगठन ( CMPFO) में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता सामने आई है। सीएमपीएफओ ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन का 727 करोड़ रुपये माफ कर दिया है। इससे सीएमपीएफओ को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ है।

आशीष अंबष्ठ, धनबाद। सीएमपीएफ बोर्ड ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन जो डीएचएफएल के नाम से जाना जाता है, का 727.42 करोड़ रुपये माफ किया था। अब सीएमपीएफ का दावा है कि इस राशि को माफ करने के बावजूद उसे मात्र 315.35 करोड़ रुपये का ही घाटा हुआ है। कोयला मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में सीएमपीएफ ने यह दावा किया है। लेकिन 727 करोड़ की राशि माफ करने पर मात्र 315 करोड़ रुपये का घाटा कैसे हुआ, यह बताने को अभी सीएमपीएफ में कोई तैयार नहीं है। इस मामले में सीएमपीएफओ के कई अधिकारियों के फंसने की संभावना है।
डीएचएफएल में सीएमपीएफओ ने किया 1390 करोड़ का निवेश
सीएमपीएफ ने वर्ष 2014-15 में डीएचएफएल को 1390 सौ करोड़ रुपये निवेश किया था। इसमें से डीएचएफएल ने 662.58 करोड़ रुपये ही वापस किया है। 727.42 करोड़ सीएमपीएफ बोर्ड ने राइट आफ कर दिया था। इस पर कोयला मंत्रालय ने सीएमपीएफ से रिपोर्ट मांगी है। सीएमपीएफ ने अपनी रिपोर्ट में 315.35 करोड़ का अपरिहार्य हानि बताया है।
बोर्ड की बैठक के बाद से ही उठ रहे सवाल
सीएमपीएफ बोर्ड आफ ट्रस्टी की 26 नवंबर 2019 को हुई बैठक में डीएचएफएल में निवेश किए गए फंड को वापस लेने पर मंथन हुआ था। लेकिन उसके बाद भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। अगर पहले ही इस मामले को गंभीरता से लिया गया होता तो राशि वापस होने की उम्मीद थी। इधर सीएमपीएफ प्रबंधन की इस कार्रवाई से विभिन्न संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। हिंद मजदूर सभा के राजेश कुमार सिंह ने कहा कि पूरे मामले को लेकर कोयला सचिव को पत्र लिखा है। प्रबंधन की इस तरह की एकतरफा कार्रवाई की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। सूीएमपीएफ पहले ही फंड को लेकर परेशानी झेल रहा है। ऐसे में राशि का माफ करना किसी भी हाल में ठीक नहीं है।
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