पांच साल बाद कोयले की कीमत में होगा इजाफा, 11वें वेतन समझौते की ऐसे की जाएगी भरपाई, कॉन्फ्रेंस में मिला संकेत
11वें वेतन समझौते का कोल इंडिया पर करीब पांच हजार करोड़ का भार आएगा। ऐसे में अब हो सकता है कि कोयले का दाम बढ़े। कोयला श्रमिकों का वेतन समझौता पांच साल के लिए किया जाता है। 19 प्रतिशत एमजीबी पर फिलहाल सहमति बनी है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। कोयला वेतन समझौता 11वें का भार कोल इंडिया के साथ-साथ इसके सहयोगी कंपनियों पर पड़ने वाला है। इसकी भरपाई कैसे की जाए इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है। कोल इंडिया कोयला का दाम बढ़ाने को लेकर विचार कर रही है। वेतन समझौते का लाभ जुलाई, 2021 से कोयला श्रमिकों को देना है। इसके तहत हर साल कोल इंडिया पर करीब पांच हजार करोड़ का भार आएगा। कोयला श्रमिकों का वेतन समझौता पांच साल के लिए किया जाता है। 19 प्रतिशत एमजीबी पर फिलहाल सहमति बनी है। भत्ता पर अभी समझौता होना बाकी है।
पांच सालों के बाद अब बढ़ेंगे कोयले का दाम
कोल इंडिया अब कोयले के दाम बहुत जल्द बढ़ सकती है। कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने सोमवार को यहां इंडियन कोल मार्केट कॉन्फ्रेंस में इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि कोयले के दाम बढ़ाने का मामला बेहद मजबूत है। पिछले पांच वर्षों में दाम नहीं बढ़ाए गए हैं।
इस साल मजदूरी को लेकर बातचीत हुई है, जिसका कोल इंडिया लिमिटेड की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा, खासकर उन सहयोगी कंपनियों पर, जिनकी जन संसाधन लागत बेहद उच्च है। अगर कोयले के दाम नहीं बढ़ाए गए, तो बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं। इस बाबत समस्त अंशीदारों के साथ बातचीत चल रही है और उसके बाद कोयले के दाम बढ़ाए जा सकते हैं।
कोयले के उत्पादन को लेकर भी हो रहीं तैयारियां
अग्रवाल ने आगे कहा कि उत्पादन के लिए तैयार रहना जरूरी है। किसी भी देश का तब तक विकास नहीं हो सकता, जब तक उसके ऊर्जा संसाधन सुरक्षित न हो। उन्होंने कहा कि कंपनी ने 2030 तक कोयला उत्पादन वर्तमान 25-30 मिलियन टन से बढ़ाकर 100 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है।
निदेशक (तकनीकी) डा. बीवीरा रेड्डी ने देश की कोयले की मांग को पूरा करने के लिए कोल इंडिया के कदमों और वित्त वर्ष 2024-25 तक 1 बीटी के अनुसरण के बारे में बात की। उन्होंने हरित मंजूरी और भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों पर भी प्रकाश डाला। इसको लेकर सभी कोयला कंपनियों का लक्ष्य तय कर दिया गया है। मौके पर कोयला मंत्रालय के वरीय अधिकारी के अलावा कोयला कंपनियों के प्रमुख व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।