Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बलियापुर में खनन कार्य के दौरान हैवी ब्लास्टिंग से खेत में गिरा बोल्डर, ग्रामीणों में आक्रोश

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 03:26 PM (IST)

    बलियापुर के चालधोवा में पत्थर उत्खनन से किसान परेशान हैं। विस्फोट के कारण पत्थर खेतों में गिर रहे हैं जिससे जुताई मुश्किल हो गई है। शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में रोष है। किसानों ने प्रशासन से खनन कार्य रोकने की मांग की है ताकि खेती को बचाया जा सके और भुखमरी से बचा जा सके।

    Hero Image
    बलियापुर में पत्थर खनन कार्य के दौरान खेत में गिरा पत्थर। (जागरण)

    संवाद सूत्र, बलियापुर। बलियापुर के चालधोवा मौजा में बडे़ पैमाने पर पत्थर उत्खनन का काम हो रहा है। शुक्रवार को उत्खनन के लिए हैवी ब्लास्टिंग के दौरान बड़ा-बड़ा बोल्डर एवं पत्थर आसपास के खेती जमीन पर गिरने से खेती का कार्य काफी प्रभावित हो गया। जिससे ग्रामीणों में काफी रोष है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ब्लास्टिंग से बड़े-बड़े बोल्डर एवं पत्थर धान के खेतों में लगातार गिर रहे हैं। किसान अपने खेतों की जुताई नहीं कर पा रहे हैं।

    गांव के संथाल आदिवासी किसान मंगल मुर्मू, सुरेश कुमार मुर्मू, सुरेश चंद्र मुर्मू, भुट्टू हासदा,शुक्रमणि देवी आदि ने बताया कि भारी पैमाने पर पत्थर उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। ब्लास्टिंग का बड़े-बड़े पत्थर उड़ कर हमलोगों के खेतों में जा गिरते हैं। पत्थर करीब 10 से 50 किलो वजन का होता है।

    जिसको खेतों से हटाना काफी मुश्किल होता है। हमेशा दुर्घटना का खतरा रहता है। खेतों की जुताई के दौरान खेतों में गिरे बोल्डर से कई किसान घायल भी हो गए है। खेती कार्य काफी प्रभावित हो रहा है।

    उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत पत्थर उत्खनन कर रहे लोगों से किया जाता है तो हमलोगों की एक नहीं सुनते है। हमें ही भला-बुरा बोल कर भगा देते है। ऐसे में खेती करना काफी जोखिम भरा हो गया है।

    अगर खेती भूमि पर खेती नहीं होगी तो ऐसे सैकड़ों एकड़ धान के खेत बंजर हो जाएंगे। किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएगा। पत्थर उत्खनन कार्य करने वाला व्यक्ति कोडरमा जिला का बताया जा रहा है।

    ग्रामीणों ने बताया कि खनन कार्य पर रोक लगाने के लिए सीएम, उपायुक्त बलियापुर सीओ, खनन विभाग से लिखित शिकायत किया गया है।

    बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से गांव के संथाल आदिवासी किसानों के साथ-साथ अन्य ग्रामीणों में सरकार एवं प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों के खिलाफ काफी भारी रोष है।

    मालूम हो कि पत्थर खनन के लिए संचालक रैयत से जमीन को लीज पर लेकर पत्थर खनन का कार्य कर रहा है। ग्रामीणाें का अरोप है कि खनन के लिए हैवी ब्लास्टिंग किया जा रहा है।