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    Dhanbad News: धड़ल्ले से चल रही बालू की तस्करी, मंत्री की शिकायत भी बेअसर; सामने आए कई मामले

    Updated: Sat, 31 May 2025 03:45 PM (IST)

    निरसा थाना क्षेत्र में बालू का अवैध खनन जारी है जहां तस्कर एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों पर हमले की घटनाएं भी हुई हैं। बराकर नदी के पांड्रा बेजरा समेत कई घाटों पर तस्करी हो रही है जिसमें जेसीबी से लदाई की जा रही है। पूर्व में मंत्री इरफान अंसारी ने भी शिकायत की थी पर कार्रवाई नहीं हुई।

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    निरसा थाना क्षेत्र में बालू तस्करी जारी

    संजय सिंह, निरसा। निरसा थाना क्षेत्र में बालू का धंधा कभी मंदा नहीं होता है। चाहे तो एनजीटी लागू हो या कुछ और। तस्कर बालू तस्करी से बाज नहीं आ रहे हैं। यदि प्रशासनिक अधिकारी बालू तस्करों पर कार्रवाई करने जाते हैं तो उन्हें भी बंधक बना लिया जाता है तथा उनकी भी पिटाई की जाती है। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को दर्जनों राउंड फायरिंग कर खुद को बचाना पड़ता है।

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    प्रतिदिन लगभग चार से पांच दर्जन हाइवा, डेढ़ दर्जन से ज्यादा मिनी हाइवा एवं सैकड़ों ट्रैक्टरों से दिन रात अवैध बालू की ढुलाई जारी है। जिन पर इन्हें रोकने की जिम्मेवारी है वे लोग आराम से सोए हुए हैं। इससे सरकार को प्रतिमाह लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है।

    इन घाटों से होती है बालू की तस्करी

    निरसा थाना क्षेत्र के बराकर नदी के पांड्रा बेजरा, सिजुआ, पोलकेरा मोराडीह, भागाबांध, बरबिंदिया इत्यादि नदी घाटों से बालू की तस्करी धड़ल्ले से होती है। तस्कर बालू लदे वाहनों को निकालने के लिए पेट्रोलिंग करते हैं।

    जैसे ही उन्हें भनक लगता है कि छापेमारी दल के लोग आ रहे है तो इसकी सूचना घाटों पर तैनात अपने साथियों को देकर बालू लदे वाहनों को जहां-तहां रोक दिया जाता है।

    जेसीबी से होता है हाइवा में बालू लोड

    तस्करों के ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में हाइवा में जेसीबी मशीन से बालू की लदाई करते हैं। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा तथा जल्द से जल्द बालू लदे वाहनों को घाटों से निकाला जा सके तथा अधिक पैसे की कमाई की जा सके।

    वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री सह जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी के सामने पूर्व में भी बालू तस्करी हो रही थी। उन्होंने स्वयं इसकी शिकायत की थी। परंतु उनकी शिकायत के बावजूद बालू तस्करी पर अंकुश नहीं लग सका।

    भोले भाले आदिवासियों को कर देते हैं आगे

    जब भी छापामारी दल बालू घाटों पर छापेमारी के लिए आता है तो बालू तस्कर भोले भाले आदिवासी महिलाओं एवं पुरुषों को सामने कर देते हैं। उनसे कहा जाता है कि तुम लोग जो ट्रैक्टर पर बालू लोड करते हो वह बंद हो जाएगा।

    जबकि सच्चाई यह है कि भोले भाले आदिवासियों को एक ट्रैक्टर लोड करने में मात्र चार से पांच सौ रुपये ही मिलते हैं। जबकि तस्कर इसी बालू को बेचकर लाखों रुपये की कमाई करते हैं।

    नाबालिक लड़के चला रहे हैं ट्रैक्टर व हाइवा

    बालू तस्करी में चलने वाले हाइवा एवं ट्रैक्टर को नाबालिग लड़के चलाते हैं। इसके कारण कभी भी सड़क दुर्घटना हो सकती है और तो और 30- 30 टन बालू लोड हाइवा के परिचालन होने के कारण ग्रामीण सड़कों का भी बुरा हाल हो गया है। सड़कें बनती हैं तथा छह माह से साल भर में गड्ढों में तब्दील हो जाती है।

    कब-कब हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर हमले

    • 23 अक्टूबर 2019 को तत्कालीन एसडीएम राज महेश्वरम को मोराडीह में बालू तस्करों ने बंधक बनाया था।
    • 4 जून 2022 को पोलकेरा में मजिस्टेट प्रेम तिवारी, डीएमओ मिहिर सालकर, पूर्वी टुंडी के सीओ राकेश भूषण सिंह, निरसा के सीओ नितिन शुभम गुप्ता को तस्करों ने घंटों बंधक बनाकर रखा था।
    • 23 अप्रैल 2024 को पांड्रा बेजरा घाट पर छापेमारी करने गए न्यायिक दंडाधिकारी एवं पुलिस बल पर बालू तस्करों ने हमला कर दिया था। पुलिस ने लगभग 17 राउंड फायरिंग कर न्यायिक दंडाधिकारी एवं स्वयं को बचाकर वहां से निकाला।

    बालू तस्करी की सूचना मिलने पर छापामारी की जाती है। आगे भी सूचना मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे। किसी भी हाल में बालू तस्करी नहीं होने देंगे।

    रमेश रविदास, सीओ, निरसा