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    सांस लेने में तकलीफ हाे ताे करें यह आयुर्वेदिक उपाय; आयुष मंत्रालय के डॉक्‍टर ने दी सलाह Dhanbad News

    By Atul SinghEdited By:
    Updated: Tue, 20 Apr 2021 11:20 AM (IST)

    काेराेना की दूसरी लहर काफी खतरनाक है। काफी खतरनाक है। इसमें संक्रमित के शरीर में ऑक्सीजन की कमी काफी तेजी से हाे रही है। लाेगाें काे सांस लेने में तकलीफ हाेती है। संक्रमिताें की संख्या इतनी कि सारे अस्पताल भरे पड़े हैं।

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    काेराेना की दूसरी लहर काफी खतरनाक है। काफी खतरनाक है। (फाइल फोटो)

    धनबाद, जेएनएन: काेराेना की दूसरी लहर काफी खतरनाक है। काफी खतरनाक है। इसमें संक्रमित के शरीर में ऑक्सीजन की कमी काफी तेजी से हाे रही है। लाेगाें काे सांस लेने में तकलीफ हाेती है। संक्रमिताें की संख्या इतनी कि सारे अस्पताल भरे पड़े हैं।

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    जहां बेड खाली हैं वहां ऑक्सीजन नहीं मिल रहा। इन दिनाें सांस लेने की समस्या से ग्रस्त संक्रमिताें के एक से दूसरे अस्पताल की दाैड़ लगाते मृत्यु काे प्राप्त हाे जाना आम खबर हाे गई है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय है जिसे अपनाकर हम इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

    आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका उल्लेख पहले से भी है। जिला संयुक्त औषधालय की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. कुमकुम ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ हाेने पर घरेलू नुस्खे काफी फायदेमंद हैं। जिन्हें भी ऑक्सीजन की कमी महसूस हाे रही हाे वे साफ कपड़े में कर्पूर की दाे टिकिया, अजवाइन एक चम्मच, मंगरैला दाे चुटकी व लाैंग चार-पांच रखकर उसे मसल दें व उसकी पाेटली बनाकर उसे सूंघें। यह काफी फायदेमंद साबित हाेगा। इससे श्वसन तंत्र सक्रिय रहेगा और कुछ देर तक यह नुस्खा आजमाने पर सांस लेने में सहूलियत हाेने लगेगी। इसे लगातार एक-दाे घंटे पर तब तक आजमाएं जब तक सांस की तकलीफ दूर नहीं हाे जाती।

    इस सवाल पर कि काेराेना का आयुर्वेदिक चिकित्सा संभव है अथवा नहीं डॉ. कुमकुम का कहना था कि पिछली दफा सरकार ने दिशानिर्देश जारी किया था। इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ है। हालांकि आयुर्वेद में हम उन लक्षणाें का इलाज करते हैं जाे मरीज में दिखता है। काेराेना के असर से यदि उनमें सर्दी-जुकाम की समस्या है ताे उसकी दवा देते हैं, बुखार हाे ताे उसकी दवा देते हैं। काेराेना वायरस के नाम से काेई दवा अभी नहीं निकली है। चिंतामणि रस फेफड़ा संबंधित राेग में काफी फायदेमंद साबित हुआ है। हालांकि काेराेना से यदि काेई संक्रमित भी हाे ताे भी भाप लेने से उसे काफी राहत मिलेगी। यह पद्धति ताे आयुर्वेद के साथ अन्य पद्धतियाें में भी आजमाया जा रहा है। डॉ. कुमकुम के मुताबिक उनकी सलाह है कि प्रत्येक व्यक्ति काे अभी एक बार पांच मिनट भाप लेना चाहिए और गुनगुना पानी पीना चाहिए। ऐसा करने से यदि वे तत्काल काेराेना वायरस के शिकार हुए भी हाें ताे भाप लेने से उनका संक्रमण बढ़ेगा नहीं बल्कि ठीक हाे जाएगा।