Hindu Nav Varsh 2023: आज ही के दिन ब्रह्मा ने किया था सृष्टि का निर्माण, प्रभु राम का हुआ था राज्याभिषेक
आज से हिंदू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है जिसका बेहद खास महत्व है। कहा जाता है कि आज ही के दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। हिंदू नववर्ष पूर्णतः वैज्ञानिक शाश्वत और तथ्य पर आधारित है और शास्त्रों में इसका विशेष महत्व भी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। आज हिंदू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है। इस अवसर पर नववर्ष का स्वागत केवल मानव ही नहीं पूरी प्रकृति कर रही होती है। ॠतुराज वसंत प्रकृति को अपने आगोश में ले चुके होते हैं, पेड़ों की टहनियां नई पत्तियों के साथ इठला रही होती हैं, पौधे फूलों से लदे इतरा रहे होते हैं। खेत सरसों के पीले फूलों की चादर से ढंके होते हैं। किसलयों का प्रस्फुटन, नवचैतन्य, नवोत्थान, नवजीवन का प्रारंभ मधुमास के रूप में प्रकृति नया श्रृंगार करती है। कोयल की कूक वातावरण में अमृत घोल रही होती है। मानो दुल्हन सी सजी धरती पर कोयल की मधुर वाणी शहनाई सा रस घोलकर नवरात्रि में मां के धरती पर आगमन की प्रतीक्षा कर रही हो। यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर कार्यवाह पंकज सिंह का।
आज ही के दिन ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था
पंकज सिंह के अनुसार हिंदू नववर्ष पूर्णतः वैज्ञानिक, शाश्वत और तथ्य पर आधारित है। आज की तिथि का अपने शास्त्र में विशेष महत्व है। इस तिथि से ब्रह्मा ने सृष्टि निर्माण प्रारंभ किया था। ब्रह्म पुराण में वर्णन है 'चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमे अहनि। शुक्ल पक्षे समग्रेतु सदा सूर्योदये सति।' अर्थात ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना चैत्र मास के प्रथम दिन, प्रथम सूर्योदय होने पर की। इस शुक्ल प्रतिपदा को सुदी भी कहा जाता है। आज से ही नौ दिवसीय चैत्र नवरात्र यानि वासंतिक नवरात्र का प्रारंभ होता है। इसमें सनातन समाज शक्ति की उपासना हेतु भक्ति में लीन होता है।
आज के दिन का विशेष महत्व
- आज वर्ष प्रतिपदा के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डा. केशव राव बलिराम हेडगेवार का जन्म हुआ।
- संघ की शाखाओं में आद्य सरसंघचालक प्रणाम दिया जाता है।
- शकारि विक्रमादित्य द्वारा परकीय विदेशी आक्रमणकारी शको से भारत को मुक्त करा कर नए विक्रमी संवत का प्रारंभ किया।
- महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की।
- त्रेतायुग में प्रभु रामचंद्र जी ने राक्षसी आतंक का नाश और अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त कर रामराज्य की स्थापना की और आज की तिथि को ही उनका राज्याभिषेक हुआ।
- संत झूलेलाल और गुरु अंगददेव जी की जयंती।
- महाभारत के धर्म युद्ध में सत्य की विजय हुई और द्वापरयुग में आज ही के दिन युधिष्ठिर का राज्याभिषेक और युधिष्ठिर संवत का प्रारंभ हुआ।
- आज के दिन ग्रह और नक्षत्र में भी होता है परिवर्तन।
- भगवान गौर और गणेश की पूजा भी इसी दिन से तीन दिनों तक राजस्थान में की जाती है।
- हिंदू नववर्ष को महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा के क्षेत्र में गुड़ी पड़वा, आंध्रप्रदेश,कर्नाटक, तेलंगाना में उगादी, राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में थापना एवं सिंधी क्षेत्र में चेती चांद और जम्मू -कश्मीर में नवरेह नाम से मनाया जाता है।
हिंदू नववर्ष पर पद संचलन, भजन-कीर्तन संग फूलों की होली
इसी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा आरोग्य भारती की ओर से हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत 2080 के प्रारंभ के अवसर पर नववर्ष मिलन समारोह का आयोजन किया गया। आरोग्य भारती महिला आयाम की पदाधिकारियों की ओर से प्रत्येक वर्ष नववर्ष मिलन समारोह का आयोजन होता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय पारंपरिक परिधान, संस्कृति, हर त्योहार में सनातन धर्म के समावेश एवं इसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
महिलाओं ने समाज को दिया भारत को श्रेष्ठ बनाने का संदेश
पाश्चात्य संस्कृति के पीछे भागते हुए लोगों को यह बताने का वक्त आ चुका है कि अपनी संस्कृति को विदेशी अपना रहे हैं तो हम क्यों नहीं। आगे आएं और हमारे भारत को श्रेष्ठ बनाएं। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने पद संचलन करते हुए गोल्फ ग्राउंड से लेकर खड़ेश्वरी मंदिर तक समाज को यह संदेश देने का काम किया।
फूलों से खेली गई होली
मंदिर में मां दुर्गा की आरती के साथ भारत माता की आरती भी की गई। सभी महिलाओं ने भगवा रंग की साड़ी और पगड़ी पहनकर पूरे वातावरण को भगवा बना दिया। भजन कीर्तन, फूलों की होली, आरती और प्रसाद वितरण से कार्यक्रम का समापन हुआ।
इस कार्यक्रम में प्रांत प्रमुख महिला आयाम रमा सिन्हा, अध्यक्ष ममता सिंह, नीतू यादव, संगीता शर्मा, विनीता, डा.विम्मी, रिंकी श्रीवास्तव, अंजलि प्रसाद, मधु सिंहा, शिवानी लाला, राखी सिंह, आरती सहाय, अंजलि कल्याणी, रीना देवी, कौशल्या, नीतू तिवारी, आरोग्य भारती प्रांत सह सचिव जयप्रकाश नारायण सिंह, महानगर जिला अध्यक्ष नागेंद्र राय, सचिव सत्यमराय, पीएन सिंह, वाईएन ठाकुर उपस्थित थे।