Jharkhand Rain: झारखंड में आफत की बारिश, दो दर्जन से अधिक मिट्टी के घर ढहे, सड़क पर रात गुजारने को मजबूर लोग
धनबाद के बलियापुर में मानसून की बारिश से ग्रामीण परेशान हैं। पिछले एक महीने में दो दर्जन से अधिक मिट्टी के घर गिर चुके हैं जिससे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय को सूचना दी पर समस्या का समाधान नहीं हुआ। अबुआ आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृति के बावजूद फंड की कमी के कारण काम रुका हुआ है।

सुमित राज अरोड़ा, झरिया। मानसून की बारिश बलियापुर के ग्रामीणों पर कहर बनकर बरपा है। जहां एक तरफ शहरी क्षेत्र में बारिश से लोग परेशान है वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाका बलियापुर में रह रहे ग्रामीणों के घर ध्वस्त हो चुका है।
एक माह में बलियापुर के दो दर्जन से अधिक मिट्टी के घर ढह चुका है। जिससे ग्रामीण खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है। पीड़ित ग्रामीण सरकारी योजना के लाभ से भी वंचित है।
ग्रामीणों ने बताया कि घर ध्वस्त होने की सूचना अंचल कार्यालय में भी दिया गया। कर्मचारी जांच के लिए भी आए लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। सरकार से मदद की आस है। ध्वस्त घर में ही किसी तरह रहने के लिए मजबूर है।
बलियापुर के ग्रामीण विवेक हांसदा, आकाश कुमार, शेख तस्लीम, मोहन सोरेन ने कहा कि इस वर्ष बारिश ने सब कुछ छीन लिया। फसल तो बर्बाद हुआ ही साथ ही हम लोगों का आशियाना भी छीन गया। सरकार से मदद की आस है।
योजना के तहत आवास की स्वीकृति तो मिली पर विभाग के पास फंड नहीं
बलियापुर प्रखंड में वर्ष 2023- 24 में अबुआ आवास की स्वीकृति कूल 860 जिसमें 256 आवास निर्माण के लिए लाभुकों को अंतिम भुगतान कर दिया गया है। वहीं वर्ष 2024 -25 में कूल 1033 आवास की स्वीकृति दी गई है। फिलहाल फंड नहीं होने से आवास निर्माण कार्य रुका हुआ है।
वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री आवास योजना 2024-25 में कूल 3057 आवास की स्वीकृति दी गई है। लेकिन फंड के अभाव में कार्य रुका हुआ है।
बारिश से घर ध्वस्त होने की घटना के बाद आपदा प्रबंधन कोष से ही पीड़ित को लाभ दिया जा सकता है। इसके पूर्व जांच कर रिपोर्ट भेजी जाएगी उसके बाद भी आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। फंड के अभाव में अबुआ व प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना का कार्य भी रुका हुआ है। फंड आते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। - प्रभाष चंद्र दास, बीडीओ, बलियापुर।
सिंदूरपुर गांव निवासी शाहिना खातून ने कहा लगातार बारिश से मिट्टी का घर गिर गया है। रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है। हमलोगों का एकमात्र वही घर था। घर के ध्वस्त हो जाने के बाद इसी घर के एक कोने में किसी तरह गुजर बसर करने को विवश है।
कोनारटांड गांव निवासी मोहन महतो ने कहा मिट्टी का कच्चा घर बारिश से ध्वस्त हो गया। घटना के बाद दूसरे छोटे से मिट्टी के घर में रहने को मजबूर है। बलियापुर के अंचल अधिकारी को आवास निर्माण का लाभ हेतु आवेदन दिया हूं।
बलियापुर में कब-कब मिट्टी का घर हुआ ध्वस्त
22 जुलाई - सिंदूरपुर निवासी कमरुद्दीन अंसारी का घर ध्वस्त हो गया।
28 जुलाई - भिखसराजपुर निवासी हसीना अहमद का घर ध्वस्त हुआ।
31 जुलाई - सिंघीयाटांड़ निवासी मुकेश महतो, पांडेडीह के मिनोती देवी, जगदीश गांव के मुकेश महतो का घर ध्वस्त हुआ।
1 अगस्त - कोश्वारिया गांव के आनंद टुडू का घर गिरने से एक गाय की मौत, आमटांड के साइमन खातून का घर गिरा।
2 अगस्त - आमटांड ओला के मोहन सोरेन का घर धंसा जिससे वह जख्मी हो गया।
3 अगस्त - सिमपातर गांव के राकेश कर्मकार व चंदकुइयां गांव की लीला देवी का घर गिरा।
4 अगस्त - दोलाबड़ गांव के राजू कुमार, दूधिया गांव के विवेक सहिस, आकाश सहिस व राजेश सहिस का घर गिरा।
7 अगस्त - सपटा गांव की पूर्णिमा मंडल का घर गिरा।
8 अगस्त - पहाड़पुर के सुरेश महतो व कोणारटांड की सावित्री देवी का घर गिरा।
12 अगस्त - दूधिया गांव के संतोष मरांडी व कोणारटांड के दीपक महतो का घर गिरा।
23 अगस्त - गुल्लूडीह गांव के संजय मोदक व गिरधारी मंडल का घर गिरा, बड़ादाहा के मिहिर महतो का घर गिरा।
24 अगस्त - बरमूड़ी गांव के सुशील महतो, धोखरा स्थित श्रीनाथ कर्मकार, गैलरी रखीतपुर गांव के जसीम अंसारी व बाघमारा गांव के अलाउद्दीन अंसारी का घर गिरा।
25 अगस्त - बिरसिंहपुर गांव के गुरु पद रजक का मिट्टी का घर ध्वस्त हो गया।
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