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    पांच करोड़ की लागत से राजकीय पुस्तकालय होगा आधुनिक : उपायुक्त

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 05 Jul 2021 04:02 AM (IST)

    जागरण संवाददाता धनबाद बरसों से बदहाली की मार झेल रहा राजकीय पुस्तकालय जल्द ही एक नए रूप में दिखेगा। उपायुक्त उमाशंकर सिंह के निर्देश के आलोक में इसके कायाकल्प की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। अगले दस दिनों में इसकी रूपरेखा को अंतिम रूप देकर निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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    पांच करोड़ की लागत से राजकीय पुस्तकालय होगा आधुनिक : उपायुक्त

    जागरण संवाददाता, धनबाद : बरसों से बदहाली की मार झेल रहा राजकीय पुस्तकालय जल्द ही एक नए रूप में दिखेगा। उपायुक्त उमाशंकर सिंह के निर्देश के आलोक में इसके कायाकल्प की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। अगले दस दिनों में इसकी रूपरेखा को अंतिम रूप देकर निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। रविवार को इसकी जानकारी देते हुए उपायुक्त ने बताया कि शहर में सभी सुविधाओं से लैस पुस्तकालय की जरूरत काफी दिनों से महसूस की जा रही थी। खासकर ऐसा पुस्तकालय जो आज के डिजिटल युग के युवाओं की जरूरतों को पूरा करता हो। इसलिए शिक्षा विभाग द्वारा संचालित गोल्फ मैदान के नजदीक स्थित राजकीय पुस्तकालय को पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड कर उसके भवन को स्तरीय बनाने की योजना है। शनिवार को इसके पुनरुद्धार का विस्तार से प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की जवाबदेही एक नीति एजेंसी को दी गयी है। सिंह ने बताया कि यह एजेंसी अगले एक सप्ताह में इस बाबत पूरी रिपोर्ट देगी। जिसके बाद निविदा की प्रक्रिया पूरी कर निमार्ण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। पुस्तकालय के रिनोवेशन पर डीएमएफटी फंड से पांच करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की बात कहते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस पुस्तकालय के डिजिटाइजेशन के अलावा भवन को भी स्टेट आफ द आर्ट तरीके से बनाया जाएगा। जो पूरी तरह वातानुकूलित होने के अलावा आधुनिक कैफेटेरिया से भी सुसज्जित होगा। उन्होंने कहा कि इसमें हर विषय के लिए गैलरी के अतिरिक्त दो रिडिंग रूम बनाये जाएंगे। एक सामान्य पाठकों के लिए तो दूसरा पूरी तरह शोधार्थियों के लिए आरक्षित होगा। ताकि उन्हें अपनी आवश्यकता की सारी सामग्री ढूढ़ने में आसानी हो सके। इसके अलावा आधुनिक सुविधाओं से युक्त बाथरूम भी बनाया जाएगा। आंतरिक साज सज्जा को मनभावन और पाठक की रूचि के अनुसार विकसित करने के अलावा परिसर का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसके लिए जरूरत पड़ने पर इससे सटे जिला परिषद की जमीन को लेकर इसका विस्तार भी किया जाएगा। सिंह ने बताया कि अभी तक शिक्षा विभाग ही इसकी देख रेख करता रहा है। जिसके लिए अपने विभाग के ही कर्मचारियों को अंशकालिक तौर पर नियुक्त करता था। लेकिन अब इसके लिए आठ पूर्णकालिक कर्मियों की बहाली की जाएगी। इससे जुड़ी प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी कर लिए जाने की बात डीसी ने कही।

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