दो महिलाओं की मौत के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग, गैस रिसाव वाले इलाके में मेडिकल टीम तैनात
धनबाद के केंदुआडीह में गैस रिसाव से दो महिलाओं की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग बीमार हैं। लगभग 5000 लोग प्रभावित हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल टीमें त ...और पढ़ें

गैस रिसाव वाले इलाके में मेडिकल टीम तैनात
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद मुख्यालय से महज किलोमीटर दूरी पर स्थित केंदुआडीह इलाका भू-गर्भीय गैस रिसाव की चपेट में है। राजपूत बस्ती समेत अन्य इलाकों में दम गोटू गैस की चपेट में लोग आ रहे हैं। 24 घंटे के अंदर यहां दो महिलाएं कल्पना देवी और की मौत हो गई है। जबकि 50 से ज्यादा लोग गैस की चपेट से बीमार हुए हैं।
इन इलाकों में लगभग 5000 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। अब लोगों को बीमार होता देख स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। डीसी आदित्य रंजन के निर्देश के पर सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने दो अलग-अलग मेडिकल टीम इन इलाकों में लगाया है।
एक मेडिकल टीम पुटकी थाना और दूसरी मेडिकल टीम केंदुआडीह के पास है। दोनों जगह पर 108 एंबुलेंस की तैनाती, डॉक्टर और कर्मचारी को यहां तैनात किए जा रहे हैं।
डॉक्टर और कर्मचारियों की छुट्टी रद
सिविल सर्जन ने तत्काल प्रभाव से इन इलाकों में रहने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। लगभग तीन दिनों तक किसी डॉक्टर और कर्मचारियों को छुट्टी नहीं लेने को कहा गया है।
इसके साथ ही कम्युनिटी मेडिकल अफसर की छुट्टी भी रद कर दी गई है। सभी को इन इलाकों में प्रभावित लोगों की जांच करने, उन्हें चिकित्सा की सेवा पहचाने और प्रभावित इलाके से तत्काल हटाने की सलाह देने को कहा गया है।
आसपास के इलाके में पानी की आपूर्ति का निर्देश
सिविल सर्जन में स्थानीय डॉक्टरों को आसपास के इलाकों में पानी आपूर्ति करने का निर्देश दिया है। कहा जो भी प्रभावित व्यक्ति जो गैस की चपेट में आ रहे हैं। उन्हें साफ पानी से अपने चेहरे और हाथ पैर को धोने चाहिए।
छोटे बच्चे और बुजुर्गों को प्रभावित इलाके में नहीं रहने दें। लोगों से तत्काल दूसरे जगह शिफ्ट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि गैस की पहचान अभी की जा रही है, यह सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है।
अस्पतालों में अलर्ट घोषित
इसके साथ ही सिविल सर्जन ने सभी सरकारी अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अलग घोषित किया है। उन्होंने कहा कि जो भी पीड़ित है, उन्हें बेहतर चिकित्सकीय सेवा देने की कोशिश है।
मरीज को सदर अस्पताल के अलावा मेडिकल कॉलेज में इलाज कराया जाएगा। स्थानीय स्तर पर भी यदि किसी को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी, तो मेडिकल टीम यह सेवा भी प्रदान करेगी।

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