Gangs of Wasseypur: प्रिंस खान की मां नासरीन ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, पुलिस पर लगाए ये आरोप
वासेपुर के स्वघोषित छोटे सरकार प्रिंस खान की मां नासरीन खातून ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है । नसरीन ने डीजीपी झारखंड एसएसपी धनबाद एसपी धनबाद के विरुद्ध रिट याचिका दायर कर संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के रक्षा की गुहार लगाई है।

संवाद सहयोगी, धनबाद: वासेपुर के स्वघोषित छोटे सरकार प्रिंस खान की मां नासरीन खातून ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है । नसरीन ने डीजीपी झारखंड, एसएसपी धनबाद, एसपी धनबाद के विरुद्ध रिट याचिका दायर कर संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के रक्षा की गुहार लगाई है। हाईकोर्ट में दायर रिट याचिका में नासरीन ने पुलिस द्वारा जबरन उसे तंग तबाह करने, परेशान करने और विभिन्न मुकदमों में फंसा देकर उनके मौलिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है ।
रिट में नसरीन ने कहा है कि उसने अपने पुत्र प्रिंस खान ऊर्फ हैदर अली, जियाउल रहमान ऊर्फ गोपी खान से सारा संबंध समाप्त कर लिया है इस आशय का उसने शपथ पत्र भी तैयार किया था और अखबारों के माध्यम से भी लोगों को सूचना दी थी उनके उपरोक्त दोनों पुत्रों के क्रियाकलाप के कारण उनका जीवन दूभर हो गया था समाज में प्रतिष्ठा खराब हो रही थी जिस कारण अब उनका और उसके पति का गोपी खान प्रिंस खान से कोई रिश्ता नाता नहीं रहा। ना हीं उनके संपत्ति पर उन दोनों पुत्रों का कोई हक रहा ।बावजूद इसके पुलिस उसे और उसके परिवार के लोगों को रोजाना तंग कर रही है, तरह तरह से प्रताडित कर रही है । उसके संपत्ति की कुर्की, जब्ती करने के फिराक में है ।जबकि उसके संपत्ति पर प्रिंस और गोपी का कोई हक नहीं है और ना ही गोपी ,प्रिंस से कोई रिश्ता है ।
पुलिस ऐसा कर उसकी मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता पूर्वक जीने, स्वयं अर्जीत संपत्ति रखने के अधिकार का हनन कर रही है। नसरीन ने यह भी आरोप लगाया है कि 7 मई 22 को उसने वरीय पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर भी कहा था कि गोपी, प्रिंस का उसके संपत्ति में कोई हक नहीं है। वह उसकी स्वअर्जीत संपत्ति है ,दोनों से उनका कोई संबंध नहीं है बाबजूद पुलिस रोजाना उसे उनके पति पति को तंग कर रही है। ऐसे में संविधान द्वारा प्रदत्त उसके मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है । नासरीन ने रिट में कहा है कि उसके पुत्रों द्वारा किए गए किसी भी आपराधिक कृत्य के लिए उसे व उसके पति को उत्तरदाई नहीं ठहराया जा सकता। पुत्रों द्वारा किए जा रहे आपराधिक कृत्यों की शिकायत भी उसने कई बार पुलिस से की है ।बाबजूद उसके पुलिस उन्हे और उसके पति को तंग कर रही है। जो भारतीय संविधान द्वारा अनुछेद 21 के तहत प्रदत्त किए गए मौलिक अधिकार का हनन है।
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