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    असली Vs नकली: किन्नरों के बीच सड़क पर हुई जंग, देर रात आठ फर्जी गिरफ्तार

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 01:07 AM (IST)

    धनबाद के बरवाअड्डा में आठ नकली किन्नरों को असली किन्नरों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। ये युवक किन्नर का वेश धारण कर राहगीरों से जबरन वसूली और लूटपाट करते थे। किन्नर बोर्ड की सदस्य श्वेता और उनके साथियों ने सूचना मिलने पर इनका पीछा कर पकड़ा। असली किन्नरों का कहना है कि इन नकली लोगों की वजह से उनकी बदनामी हो रही है।

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    बरवाअड्डा में देर रात पकड़ में आए नकली किन्नर।

    आनंद पाठक, धनबाद (बरवाअड्डा) धनबाद के बरवाअड्डा इलाके में असली किन्नरों ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें सामान्य युवक किन्नर का वेश धारण कर लोगों को ठग रहे थे।

    रविवार देर रात झारखंड प्रदेश किन्नर बोर्ड की जिला सदस्य श्वेता और उनके साथियों ने मिलकर इन आठ युवकों को रंगे हाथों पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया। इसी माह आसनसोल में भी नकली किन्नरों को ट्रेन से पकड़ा गया था।

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    क्या हुआ था?

    लंबे समय से स्थानीय लोगों की शिकायत मिल रही थी कि कुछ लोग किन्नर बनकर जीटी रोड पर वाहनों और राहगीरों से जबरन पैसे वसूल रहे हैं।

    यही नहीं, ये मौका पाकर लोगों के मोबाइल और पैसे भी छीन लेते थे, जिससे किन्नर समाज की बदनामी हो रही थी। रविवार की रात, ऐसी ही एक सूचना मिलने पर श्वेता अपनी टीम के साथ बरवाअड्डा के किसान चौक पहुंचीं।

    पीछा कर पकड़ा गया गिरोह

    जब नकली किन्नरों ने असली किन्नरों को देखा, तो वे भागने लगे। श्वेता और उनके साथियों ने उनका पीछा किया और स्थानीय लोगों की मदद से सभी को धर दबोचा।

    इसके बाद, जमकर पिटाई करने के बाद इन सभी को बरवाअड्डा पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पूछताछ में पता चला कि ये सभी युवक भूली और गांधीनगर समेत धनबाद के ही अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं।

    किन्नर समाज की छवि बचाने की पहल

    श्वेता ने पुलिस से इन नकली किन्नरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये लोग किन्नर बनकर ना सिर्फ ठगी कर रहे हैं, बल्कि गलत कामों में भी लिप्त हैं। इस कारण असली किन्नर बदनाम हो रहे हैं, जो समाज में सम्मान के साथ जीना चाहते हैं।

    श्वेता ने चेतावनी दी है कि उनका यह अभियान जारी रहेगा और ऐसे छद्मवेशी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना दर्शाती है कि समाज में असली और नकली का भेद करना कितना ज़रूरी है, खासकर जब कोई समाज की आड़ में गलत काम कर रहा हो।

    कैसे पहचानें असली-नकली में फर्क?

    यह खबर बताती है कि कैसे कुछ लोग किन्नर समुदाय की आड़ में गलत काम करके उन्हें बदनाम कर रहे हैं। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि असली किन्नर और नकली किन्नर में क्या फर्क होता है। दोनों की पहचान करना उतना मुश्किल नहीं है, अगर आप कुछ बातों पर ध्यान दें।

    असली किन्नरों की पहचान

    • अपना समूह होता है: असली किन्नर आमतौर पर समूहों में रहते हैं। उनका एक गुरु होता है और वे एक तय नियम-कानूनों का पालन करते हैं। वे सड़कों पर अकेले या दो-तीन की संख्या में नहीं घूमते हैं।
    • पहचान पत्र होता है: असली किन्नर अब सरकारी योजनाओं से जुड़ रहे हैं। उनके पास सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र होते हैं, जिनमें उनकी पहचान एक 'किन्नर' के रूप में की जाती है।
    • पैसे लेने का तरीका: वे किसी भी मौके पर जबरदस्ती पैसे नहीं मांगते। नेग लेते समय उनका व्यवहार बहुत विनम्र होता है। वे किसी से बदतमीजी या मारपीट नहीं करते।
    • उनकी उपस्थिति: असली किन्नर अक्सर शुभ अवसरों जैसे शादी, बच्चे का जन्म या त्योहारों पर ही आशीर्वाद देने आते हैं। वे आम दिनों में सड़कों पर जबरन वसूली करते नहीं दिखते।
    • पहनावा: उनका पहनावा आमतौर पर पारंपरिक और साफ-सुथरा होता है। वे ज्यादा भड़कीले या अजीब तरह के कपड़े नहीं पहनते।

    नकली किन्नरों की पहचान

    • जबरदस्ती करते हैं: नकली किन्नर अक्सर सड़कों पर, चौराहों पर या गाड़ियों में लोगों से जबरन पैसे मांगते हैं। पैसे न देने पर वे गाली-गलौज करते हैं और धमकाते भी हैं।
    • अकेले या छोटी टीम में: ये लोग अक्सर अकेले या दो-तीन लड़कों की छोटी टीम में घूमते हैं। उनके पास न तो कोई गुरु होता है और न ही वे किसी समूह का हिस्सा होते हैं।
    • अजीब व्यवहार: उनका व्यवहार काफी अजीब होता है, जैसे भद्दे इशारे करना या अश्लील हरकतें करना। ये सिर्फ पैसे वसूलने पर ध्यान देते हैं।
    • पहनावा और मेकअप: उनका मेकअप बहुत ज्यादा और भद्दा होता है। वे सस्ते और भड़कीले कपड़े पहनते हैं ताकि वे दूर से ही दिखें।
    • मोबाइल या सामान छीनने का डर: जैसा कि खबर में बताया गया है, ऐसे लोग अक्सर मौका पाकर लोगों के मोबाइल और पर्स भी छीन लेते हैं।

    अगली बार जब कोई किन्नर आपसे पैसे मांगे, तो इन बातों पर ध्यान दें। अगर उनका व्यवहार ठीक न लगे या वे जबरदस्ती करें, तो बेहतर है कि आप उन्हें नज़रअंदाज़ कर दें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।