Diwali पर जुए का जाल: ताश के पत्तों पर उड़ रही लाखों की बाजी, पुलिस की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
दीपावली के मौके पर झरिया और आसपास के इलाकों में जुए का अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है। ताश के पत्तों पर लाखों रुपये के दांव लग रहे हैं, जिसमें युवा वर्ग भी शामिल है। पुलिस की निष्क्रियता के कारण जुआरियों के हौसले बुलंद हैं। सिंदरी डीएसपी ने चेतावनी दी है कि जुआ संचालित होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, झरिया। रोशनी और खुशियों का त्योहार दीपावली 20 अक्टूबर को है। इसकी तैयारी चहुंओर है। बाजार सज गए हैं। खरीदारों की भीड़ से बाजार में चहल-पहल है। इसके साथ ही दीपावली के माैके पर जगह-जगह जुए अड्डे भी गुलजार हो गए हैं। धनबाद के साथ-साथ झरिया और सिंदरी अनुमंडल क्षेत्र भी जुए के रंग में भी रंग गए हैं।
ताश के पत्तों के साथ जुए का अवैध खेल इन दिनों तेजी से पांव पसार रहा है। हर साल की तरह इस बार भी दीपावली की रौनक के बीच रात के अंधेरे में लाखों रुपये के दांव लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, झरिया के कई इलाकों में दीपावली से पहले ही ताश के पत्तों की महफिलें सज चुकी हैं। जहां स्थानीय युवाओं के साथ बाहरी लोग भी हिस्सा ले रहे हैं। कई जगहों पर तो प्रतिदिन लाखों रुपये का सट्टा लगाया जा रहा है।
जुए का खेल अब सिर्फ गलियों या घरों तक सीमित नहीं, बल्कि धनबाद के कुछ नामी होटलों में भी 52 पत्तों (ताश) का खेल खुलेआम चल रहा है। झरिया, चासनाला, धनसार, बलियापुर में भी जुए के अड्डे संचालित हैं। आम लोगों को इन अड्डों की जानकारी है और पुलिस प्रशासन भी इससे अनजान नहीं है। बावजूद इसके, अब तक किसी बड़ी कार्रवाई की खबर नहीं है।
पुलिस की निष्क्रियता से जुआरियों के हौसले बुलंद हैं। दीपावली की आड़ में चल रहे इस अवैध कारोबार से कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। इस खेल का सबसे ज्यादा असर युवा वर्ग पर दिख रहा है। रातों-रात अमीर बनने की चाह में कई युवक अपनी मेहनत की कमाई दांव पर लगा रहे हैं, पर अंत में हाथ कुछ नहीं आता। इस पर रोक नहीं लगी, तो कई परिवार दीपावली के बाद अंधेरे में डूब सकते हैं।
इस बीच, सिंदरी डीएसपी आशुतोष कुमार सत्यम ने स्पष्ट कहा है, यदि किसी क्षेत्र में जुआ संचालित होता पाया गया तो वहां छापेमारी की जाएगी। दोषियों को जेल भेजा जाएगा। क्षेत्र में किसी भी तरह का अवैध कारोबार नहीं चलने दिया जाएगा। फिलहाल, दीपावली की चमक के बीच झरिया और आसपास के इलाकों में ताश के पत्तों की सरसराहट कानून व्यवस्था के लिए नई चुनौती बनती जा रही है।

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