धनबाद के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर, IAS-IPS की तैयारी के लिए प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम
धनबाद जिला प्रशासन ने युवाओं को IAS और IPS परीक्षाओं की तैयारी के लिए सुनहरा अवसर प्रदान किया है। अब युवाओं को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि उन्हें उच्च स्तरीय कोचिंग और मार्गदर्शन मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य प्रतिभाशाली युवाओं को उचित संसाधन और सहायता प्रदान करना है, ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकें।

युवाओं को फ्री में कराई जाएगी कोचिंग
बलवंत कुमार, धनबाद। लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बैंकिंग, रेलवे समेत अन्य प्रकार की नौकरियों के लिए तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को अब भटकना नहीं होगा। कोचिंग संस्थाओं के भारी भरकम फीस उनके लिए अड़चन नहीं बनेगी।
इसके लिए धनबाद जिला प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों को फ्री कोचिंग सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। इस व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन के योजना विभाग ने देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थाओं को आमंत्रित किया है।
विद्यार्थियों को नहीं जाना होगा बाहर
धनबाद के छात्र-छात्राओं को लोक सेवा की नौकरियों की तैयारी करने के लिए अपने जिले से कहीं बाहर जाना नहीं पड़ेगा। यह कोचिंग कक्षाएं आरएसपी कालेज बेलगड़ियां में संचालित की जाएंगी। इस संबंध में जिला योजना पदाधिकारी मुकेश बाउरी ने बताया कि पूरा कोर्स छह माह का होगा।
दो वर्षों के लिए यह सुविधा संचालित होगी। दो बैच एक साथ संचालित किए जाएंगे। प्रत्येक बैच के लिए 50-50 छात्र-छात्राओं का चयन परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। यानी दो वर्षों के दौरान 200 विद्यार्थियों को यह सुविधा मिलेगी।
बाउरी ने बताया कि वास्तविक आवश्यकता के आधार पर छात्रों की संख्या बढ़ाया या घटाया जा सकता है। यह कक्षाएं केवल आफलाइन मोड पर चलेंगी।
प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मिलेगा मौका
आरएसपी कालेज झरिया इसके लिए खुले रूप से विज्ञापन आमंत्रित करेगी और योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों का चयन के लिए एक प्रवेश परीक्षा आयोजित होगी। इस योजना का भाग लेने के लिए विद्यार्थियों का 12वीं उत्तीर्ण होना और धनबाद का निवासी होना अनिवार्य है।
शिक्षकों के लिए 100 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी
जिन कोचिंग संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है उनके लिए एक अनिवार्य शर्त निर्धारित किया गया है। कोचिंग के दौरान शिक्षकों की सौ प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य की गई है। वहीं जिन विद्यार्थियों का चयन होगा, उनकी 70 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज होनी चाहिए। उपस्थिति का आंकलन आधार आधारित बायोमैट्रिक सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा।

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